सपा-कांग्रेस गठबंधन पर फैसला सर्वे के बाद, चुनावी गियर में समाजवादी पार्टी

Update:2018-01-08 15:55 IST
UP: सपा-कांग्रेस गठबंधन वेंटिलेटर पर, क्या आज मिलेगी संजीवनी?

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2019 में होने वाले आम चुनावों के लिए तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की अध्यक्षता में पार्टी दफ्तर में सोमवार (08 जनवरी) को हुई बैठक में ईवीएम, वोटर लिस्ट के अलावा किसानों के मुद्दों को ज़ोर-शोर से उठाने की रणनीति तैयार हुई। सपा-कांग्रेस गठबंधन पर पार्टी सर्वे करवाएगी, उसके बाद ही अंतिम फैसला लेगी।

बैठक में सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों और 2017 के विधानसभा चुनाव लड़े पार्टी उम्मीदवारों को बुलाया गया था। मीटिंग में पहुंचे उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी। क्योंकि, किसी को भी बैठक के दौरान अपनी बात रखने का मौक़ा नहीं मिला। इस दौरान गोरखपुर और फूलपुर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव पर भी चर्चा हुई। बैठक में पार्टी के फायर ब्रांड नेता मोहम्मद आज़म खान और अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव नहीं पहुंचे थे।

लोकसभा चुनाव में जुटने की तैयारी

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों 2017 के विधान सभा चुनाव लड़े उम्मीदवारों के अलावा गठबंधन की वजह से कांग्रेस के हिस्से में गई सीटों के सम्भावित प्रत्याशियों को भी मीटिंग में बुलाया गया था। बैठक को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, उपाध्यक्ष किरणमय नंदा, महासचिव राम गोपाल यादव, विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, माता प्रसाद पाण्डेय और अहमद हसन ने सम्बोधित किया। बैठक के दौरान सांसदों, विधायकों और उम्मीदवारों को अपनी बात रखने का मौक़ा नहीं मिला।

ईवीएम और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की आशंका

बैठक में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने ईवीएम और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की बात रखते हुए कहा कि बीजेपी, सपा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब करा रही है। ऐसे में पार्टी 21 और 28 को अभियान चलाकर मतदाता सूची को अपडेट कराएगी। बैठक के दौरान गन्ना और आलू किसानों के समर्थन में 17 जनवरी को बड़े प्रदर्शन की रूपरेखा भी तैयार की गई। अखिलेश ने पार्टी नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के राज में हुए कामों को बीजेपी सरकार अपना काम बता रही है। ऐसे में कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है, कि वह पार्टी के राज में हुए कामों को जनता तक पहुंचाए।

बैठक में कांग्रेस गठबंधन से हार का मुद्दा उठा

बैठक के दौरान कांग्रेस से हुए समझौते की वजह से पार्टी को ज़्यादा नुकसान की बात मेरठ के एक प्रत्याशी ने रखी, जिसका बड़े पैमाने पर समर्थन देखने को मिला। लेकिन उस प्रत्याशी आगे बोलने का मौक़ा नहीं मिला। बैठक के दौरान ही अखिलेश यादव ने कहा कि जो सीटें कांग्रेस को दी गईं थी उसका सर्वे कराया जाएगा। माना जा रहा है कि इस सर्वे के बाद ही सपा-कांग्रेस गठबंधन पर आख़िरी फैसला होगा।

नहीं पहुंचे आज़म खान और शिवपाल

लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए बुलाई गई इस बैठक में पार्टी के फायर ब्रांड नेता मोहम्मद आज़म खान नहीं पहुंचे। आज़म विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। यही वजह है कि वह पार्टी की ज़्यादातर बैठकों से दूरी बनाए हुए हैं। आज़म की ही तरह परिवार में मचे घमासान के बाद से अलग-थलग पड़ चुके शिवपाल सिंह यादव भी इस महत्वपूर्ण बैठक में नहीं पहुंचे।

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