गोरखपुर: पीएम मोदी के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय राज्यमंत्री मानव संसाधन विकास बने महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि सबसे ज्यादा आतंकी मुस्लिम होते हैं। सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान पांडे ने कहा कि मुसलमानों को हमारा दल हमारी विचारधारा कभी देश का विरोधी नहीं मानती है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है अब्दुल कलाम जी को बीजेपी ने ही अपने देश का सम्मानित राष्ट्रपति बनाया। पांडे ने कहा कि आतंकवादी की कोई जात या मजहब नहीं होता है लेकिन, दुर्भाग्य है कि इसी समाज में कुछ ज्यादा पाए जाते है।
कैराना पर क्या कहा
-प्रदेश सरकार और कराना पर बोलते हुए डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि ये राज्य का मुद्दा है। राज्य को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
-मुझे दुःख है कि केराना की घटना के सारे तथ्य बीजेपी सांसद हुकुम सिंह जी ने दिए थे।
-साथ ही संतों की रिपोर्ट के बाद भी सीएम अखिलेश ने उस पर संज्ञान नहीं लिया। उनका उत्तर भी बहुत हल्का था।
-पांडे ने कहा कि यूपी के सीएम ने जो स्पष्टीकरण दिया है, वो तथ्य से परे है।
-तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, वह अपना चेहरा छिपा रहे हैं।
-उनको शर्म आनी चाहिए कि उनकी कानून व्यवस्था इतनी ध्वस्त है कि आदमी को कहीं से सुरक्षा का वातावरण नहीं मिलता है।
-पर्यावरण पर मंत्री ने कहा कि हम लोग पर्यावरण के साथ हैं और हरियाली लाना पर्यावरण ठीक करना मुझे लगता है।
सीएम के चेहरे पर क्या कहा
-यूपी में बीजेपी को लेकर सीएम के चेहरे पर योगी आदित्यनाथ के नाम पर डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि योगी जी हमारे सम्मानित नेता हैं।
-इस समय भारतीय जनता पार्टी के अभियान पर सारे चल रहे हैं।
-कमल इस समय हमारा लीडर भी है, चुनाव चिन्ह भी है, आगे इस पर हमारा केन्द्रीय नेतृत्व निर्णय लेगा।
-ये उसके परिक्षेत्र का विषय है, हमारी पार्टी में हर कार्यकर्ता हर निर्णय नहीं लेते हैं।
-इस समय हमारी पार्टी उतर प्रदेश के जनमत के जागरण के अभियान में लगी हुई है।
-हम सभी तैयारियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं और लोग बीजेपी से जुड़ना चाह रहे हैं।
संघ के मामले पर क्या कहा
संघ के मामले पर डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि मैं संघ के प्रवक्ता के रूप में नहीं बोल सकता। संघ हमारा आदरणीय संगठन है। उससे वैचारिक खुराक लेते हैं।
इस प्रश्न का उतर वही लोग देंगे और उलेमा कौंसिल के सोच पर पांडे ने कहा कि हमारे विचार में हमारे संस्कार में इस धरती पर जो रहे, जिसका अन्य जल ग्रहण करे, जिसके वायु की सांस ले जो इस धरती से प्रेम करे, यही राष्टप्रेम हम चाहते हैं।