#MeToo: एमजे अकबर ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया

Update: 2018-10-17 11:26 GMT

नई दिल्ली : ‘मीटू’ अभियान की चपेट में आए विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले अकबर ने रविवार को कहा था कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप झूठे और निराधार हैं और वह आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

क्या कहा अकबर ने

अकबर ने स्वयं बयान जारी कर इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने कहा, चूंकि मैंने इंसाफ के लिए व्यक्तिगत स्तर पर अदालत का दरवाजा खटखटाया है, इसलिए मुझे पद छोड़कर खुद पर लगे झूठे ओरोपों को चुनौती देना, वह भी व्यक्तिगत स्तर पर चुनौती देना उचित लगा। लिहाजा मैंने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल से आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया।

एम. जे. अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

रमानी ने ट्वीट कर लिखा, 'एक महिला होने के नाते मुझे एमजे अकबर के इस्तीफे से सुकून मिला है। मुझे उम्मीद है कि हमें अदालत में भी न्याय मिलेगा।'



अकबर ने आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की एक कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया है।



ये भी देखें :#MeToo: एमजे अकबर ने तोड़ी चुप्पी, कहा – आरोप लगाने वालों पर करेंगे कानूनी कार्रवाई

कौन हैं एम जे अकबर

एम जे अकबर दैनिक अखबार ‘द टेलीग्राफ’ और पत्रिका ‘संडे’ के संस्थापक संपादक रहे। 1989 में राजनीति में आने से पहले मीडिया में एक बड़ी हस्ती के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और सांसद बने थे। अकबर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य अकबर जुलाई 2016 से विदेश राज्य मंत्री हैं।

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