लखनऊ: मोदी की सेना में आज सुबह तीसरा बड़ा फेरबदल होने जा रहा है । पीएम नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में नौ नए चेहरे शामिल करने जा रहे हैं । राष्ट्रपति भवन में सुबह 10:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा । सूत्रों के मुताबिक अनंत हेगड़े, वीरेंद्र कुमार, हरदेव सिंह पुरी ,सतपाल सिंह और आरके सिंह को मंत्री बनाया जाएगा। गजेंद्र सिंह, अल्फोंस कन्नाथनम, शिवप्रताप शुक्ला और अश्विनी चौबे को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
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आइये हम आपको मोदी सेना के इन नवरत्नों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
1-शिवप्रताप शुक्ल
-शिव प्रताप शुक्ल, राज्य सभा के सदस्य है। इसके साथ ही वे ग्रामीण विकास पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य भी है।
- वे चार बार यूपी विधान सभा के सदस्य भी चुने गए है।
- वे यूपी सरकार में 8 साल तक कैबिनेट मंत्री के रूप में काम कर चुके है। उस दौरान शुक्ल ग्रामीण विकास, शिक्षा और कैदियों के सुधार कार्य के लिए जाने गए।
-इन्होने गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की। शिवप्रताप ने अपनी राजनीति 1970 से छात्र नेता के रूप में शुरू की थी ।
-शुक्ल इमरजेंसी के दौरान मीसा के तहत 19 महीने जेल में रहे थे।
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2-अश्वनी कुमार चौबे
- अश्वनी कुमार बिहार विधान सभा के चार बार सदस्य रह चुके है । इस दौरान वे 8 साल कैबिनेट मंत्री भी रहे। स्वास्थ्य, शहरी विकास जैसे विभाग इनके पास थे।
-इन्होने अपनी राजनीति की शुरुवात पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अद्य्क्ष के रूप में की थी । जेपी आन्दोलन के भी ये हिस्सा रहे । इमरजेंसी के दौरान ये जेल भी गए थे।
- अश्वनी को घर घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान के स्लोगन का भी क्रेडिट दिया जाता है। साथ ही इन्होने बिहार के महादलितों के लिए 11,000 टॉयलेट बनवाने में मदद की थी।
- इन्होने 2013 के केदारनाथ में आई त्रासदी भी झेली है। उसी पर इन्होने एक किताब लिखी जिका नाम केदारनाथ त्रासदी है ।
-अस्वनी कुमार जूलॉजी से BSc की पढ़ाई की है। इनका योग में भी दिलचस्पी है।
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3-वीरेंद्र कुमार
वीरेंद्र कुमार, टीकमगढ़, मध्यप्रदेश से लोक सभा सदस्य है। साथ ही ये श्रम पर संसदीय स्थायी समिति के साथ ही लाभ के पद से जुड़ी संयुक्त समिति के अध्यक्ष हैं। कुमार राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के सदस्य भी हैं।
-वीरेंद्र अनुसूचित जाति से आते हैं।
-सेवा भाव से राजनीति करने वाले व्यक्ति के तौर पर उनकी पहचान है।
-वीरेंद्र कुमार जेपी आंदोलन से निकले राजनेता हैं।
-वीरेंद्र ने एमए अर्थशास्त्र, श्रम और बाल कल्याण में पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की है।
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4-अनंतकुमार हेगड़े
-अनंतकुमार हेगड़े कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ संसदीय क्षेत्र से पांच बार चुनकर लोकसभा सदस्य रह चुके है।
-संसद सदस्य के तौर पर अपने विभिन्न कार्यकाल के दौरान वह वित्त, गृह, मानव संसाधन विकास, वाणिज्य, कृषि और विदेश मामलों समेत संसद की विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्य रह चुके हैं।
-हेगड़े मात्र 28 साल की उम्र में पहली बार 1996 में 11वीं लोकसभा के लिए चुनकर संसद पहुंचे थे।
-ग्रामीण विकास में गहरी दिलचस्पी रखने वाले हेगड़े इस दिशा में काम करने वाले एनजीओ 'कदंबा ' के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। कदंबा ' ग्रामीण विकास, ग्रामीण स्वास्थ्य, एसएचजी, ग्रामीण विपणन और अन्य ग्रामीण कल्याण के क्षेत्र में काम करती है।
-अनंत कुमार हेगड़े राजनीति के साथ ही कोरियाई मार्शल आर्ट ताइक्वांडो में भी सिद्धहस्त हैं।
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5-राज कुमार सिंह
-राज कुमार सिंह बिहार के आरा से लोक सभा सदस्य है। वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, कार्मिक, पेंशन और जन शिकायत तथा विधि व न्याय से संबंधित संसदीय स्थायी समिति के सदस्य हैं।
-राज कुमार बिहार कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके है।
- वे भारत सरकार में गृह सचिव भी रह चुके है।
- राजकुमार सिंह ने आरवीबी डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी नीदरलैंड से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की है।
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6-हरदीप सिंह पुरी
-हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के आईएफएस रहे हैं।
-वे विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का अनुभव और विशेषज्ञता रखते हैं।
-वे एक थिंक टैंक रिसर्च एंड इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) के चेयरमैन हैं।
-वे संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हैं। इसके अलावा ब्राजील में राजदूत रहे हैं।
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7-गजेंद्र सिंह शेखावत
-गजेन्द्र सिंह शेखावत जोड़ पुर से लोक सभा सदस्य है।
-शेखावत संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति के सदस्य हैं।
-वे फेलोशिप कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
-एक प्रगतिशील किसान और टेकसेवी के रूप में शेखावत ग्रामीण समुदाय के लिए रोल मॉडल हैं।
-अपनी साधारण जीवनशैली वाले शेखावत प्रश्नोत्तर ब्लॉगिंग साइट पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता हैं।
-उन्होंने जय नरेन व्यास यूनिवर्सिटी से एमफिल और एमए की शिक्षा प्राप्त की है।
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8-सत्य पाल सिंह
-सत्य पाल सिंह यूपी के बागपत से लोक सभा सदस्य है। साथ ही वे आंतरिक मामलों की स्थायी समिति और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की संयुक्त समिति के सदस्य हैं।
-1980 बैच के महाराष्ट्र कॉडर के आईपीएस सत्यपाल सिंह मुंबई के पूर्व कमिश्नर रह चुके हैं।
-उन्होंने जनजातीय संघर्षों और नक्सलवाद पर बेस्ट सेलर किताब भी लिखी है।
-यूपी में बागपत जिले के बसौली गाँव में जन्मे सत्य पाल ने एमएससी और एमफिल, ऑस्ट्रेलिया से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है।
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9-अल्फोंस कन्नथनम
-वे जब दिल्ली विकास प्राधिकरण के आयुक्त थे तो दिल्ली में डेमोलिशन मैन के नाम से खूब चर्चित हुए थे और तकरीबन 15 हजार अवैध बिल्डिंग्स गिराकर डीडीए की जमीन खाली कराई थी। इसी के चलते इनका नाम टाइम मैगज़ीन की टॉप 100 युवा ग्लोबल लीडर में आया था ।
-पेशे से वकील अल्फोंस जनशक्ति नामक एनजीओ भी चलाते हैं। इसके अलावा वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 की समिति के सदस्य हैं। उनकी चर्चित पुस्तक मेकिंग ए डिफरेंस है।