नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यसभा और लोकसभा में कांग्रेस ने ऊना में दलितों पर हुए अत्याचार का मामला उठाया। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में गृह मंत्री ने बयान देते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राजनाथ ने कहा कि पीएम मोदी इस घटना से बहुत आहत थे। उन्होंने इसके लिए मुझे 12 जुलाई को फोन भी किया था। वहीं कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की है।
कांग्रेस ने राज्यसभा में ऊना मामला उठाया। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी है। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने सरकार पर दलित अत्याचार का आरोप मढ़ते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इसके पहले कांग्रेस की ओर से इस मामले पर चर्चा का प्रस्ताव किया था।
स्पेशल कोर्ट का प्रयास जारी
गृह मंत्री ने कहा कि ऊना मामले में राज्य सरकार ने सीआईडी (क्राइम) को जांच सौंपी है। स्पेशल कोर्ट को लेकर प्रयास जारी है। उन्होंने कहा, 'मामले की जांच में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है। दलितों पर अत्याचार सामाजिक बुराई है। कुछ लोगों ने युवकों की पिटाई की, जिनके खिलाफ तेजी से कार्रवाई की गई।
ऊना मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ऊना मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कठोर शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। राजनाथ ने कहा ऊना मामले को लेकर पीएम भी बहुत आहत हैं। उन्होंने 12 जुलाई को इसको लेकर मुझसे बात की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ। बीजेपी सरकार में यह कम हुआ पीएम इसके लिए गंभीर है। ऊना केस के लिए स्पेशल कोर्ट का प्रयास किया जा रहा है।
खड़गे ने कहा- संसदीय जांच का एलान करे सरकार
राजनाथ सिंह के बयान पर आपत्ति और नाराजगी जताते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर सरकार को इतना ही दुख है तो वह संसदीय जांच का एलान करे। जेपीसी मौके पर जाकर जांच करे।