विवादों के नरेश पर भड़की सुषमा स्वराज, जाहिर की नाखुशी

Update:2018-03-12 22:22 IST

नई दिल्ली : सपा के राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल सोमवार को भाजपा में शामिल होने के साथ ही नया विवाद छेड़ दिया। उन्होंने कहा कि सपा ने संसद के उच्च सदन के लिए होने वाले चुनाव में नामांकन के लिए उनसे ज्यादा 'डांसर और फिल्म कलाकार' जया बच्चन को तवज्जो दी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अग्रवाल की इस टिप्पणी की निंदा की।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी मुख्यालय में अग्रवाल के पार्टी में प्रवेश की घोषणा के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। गोयल और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा, अग्रवाल की इस टिप्पणी से काफी असहज दिखाई दिए। पात्रा ने स्थिति को संभालने की कोशिश करते हुए प्रेस वार्ता के समापन से पहले कहा कि भाजपा प्रत्येक नागरिक द्वारा उसके क्षेत्र में किए गए कार्य का सम्मान करती है।

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लेकिन, सुषमा स्वराज ने साफ शब्दों में अग्रवाल की टिप्पणी को अनुचित और अस्वीकार्य करार दिया।

अग्रवाल ने कहा, "मेरी तुलना फिल्मों में काम करने वाले से की गई..मुझे फिल्मों में डांस करने और उसमें काम करने वालों के लिए नकारा गया। मुझे यह उचित नहीं लगा। किसी को यह ठीक नहीं लगा।"

अग्रवाल दो अप्रैल को राज्यसभा से सेवानिवृत होने वाले हैं।

उन्होंने फिल्म अभिनेत्री व राज्यसभा सांसद जया बच्चन के सपा द्वारा फिर से राज्यसभा चुनाव में नामांकन के संदर्भ में यह बात कही। जया को अग्रवाल की दावेदारी को नजरअंदाज करते हुए समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की राज्यसभा सीट के लिए खड़ा किया है। 23 मार्च को राज्यसभा का द्विवार्षिक चुनाव होना है।

पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद सपा राज्यसभा में केवल एक उम्मीदवार को ही जिताने में सक्षम है। ऐसे में उसने जया बच्चन को टिकट दिया है।

सुषमा स्वराज ने अग्रवाल के टिप्पणी पर नाखुशी जाहिर करते हुए ट्विटर पर कहा, "श्री नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। उनका स्वागत है। हालांकि जया बच्चन के संदर्भ में उनकी टिप्पणी बिल्कुल अनुचित और अस्वीकार्य है।"



प्रेस वार्ता के दौरान अग्रवाल ने यह भी ऐलान किया उनके पुत्र व समाजवादी पार्टी विधायक नितिन अग्रवाल उच्च सदन के द्विवार्षिक चुनाव में भाजपा को वोट देंगे।

भाजपा में शामिल होने को 'घर वापसी' करार देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी उनसे चाहेगी, वह बिना शर्त करने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा, "मैं राज्यसभा टिकट के लिए भाजपा में शामिल नहीं हुआ हूं और न ही मैंने कोई शर्त रखी है।"

राज्यसभा में पिछले कई सालों से भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार के सबसे मुखर आलोचकों में से एक अग्रवाल ने प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तारीफ की।

उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री और योगीजी से प्रेरित हुआ हूं। तथ्य यह है कि एक के बाद एक सभी राज्यों में भाजपा ने साबित किया है कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के साथ है।"

उन्होंने कहा कि उन्हें यह अहसास हुआ कि बिना किसी राष्ट्रीय दल में हुए वह पूरे देश की सेवा नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव का सदैव सम्मान करते रहेंगे जिन्होंने उन्हें काफी कुछ दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व बसपा से समझौता कर सपा उत्तर प्रदेश में कमजोर हुई है।

अपने तीस साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने कई विवादों को जन्म दिया और कई पार्टियां बदलीं। वह जगदम्बिका पाल, राजीव शुक्ला और श्याम सुंदर शर्मा के साथ अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस में थे जिसने वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के साथ गठबंधन किया था और मंत्री बने थे। वह राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह सरकार में भी मंत्री रहे।

बाद में वह सपा में शामिल हो गए और मुलायम सरकार में मंत्री बने। फिर वह बसपा में शामिल हो गए और उसके बाद फिर सपा में लौट आए और अब भाजपा में चले गए हैं।

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