मुंबई: 'वंदे मातरम' गाने को लेकर नया विवाद खड़ा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महाराष्ट्र से विधायक राज पुरोहित ने घोषणा की है कि वह राष्ट्रीय गीत गाना अनिवार्य करने को लेकर राज्य सरकार से नया कानून लाने के लिए कहेंगे।
पुरोहित ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनुरोध करूंगा कि महाराष्ट्र को मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में वंदे मातरम गाना अनिवार्य करने वाले फैसले को महाराष्ट्र में भी अपनाया जाए।"
पुरोहित के इस बयान पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू असीम आजमी ने कहा कि वह वंदे मातरम का बेहद सम्मान करते हैं, लेकिन वह इसे किसी भी परिस्थिति में नहीं गाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।
आजमी ने कहा, "जब भारत का विभाजन हुआ, तब कहीं यह बात नहीं कही गई कि हम मुस्लिम यदि भारत में रुकते हैं तो हमें इसे गाने के लिए मजबूर किया जाएगा। आप मुझे गोली मार सकते हैं या देश से बाहर फेंक सकते हैं, लेकिन हम इसे नहीं गाएंगे।"
आजमी के सुर में सुर मिलाते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक वारिस पठान ने भी घोषणा की है कि उनके सिर पर बंदूक रख दी जाए या गले पर चाकू रख दिया जाए, फिर भी वह वंदे मातरम नहीं गाएंगे।
पठान ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा इसका विरोध किया है और अगर इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया गया तभी वे इसका विरोध करेंगे।
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दोनों ही नेताओं ने कहा कि उन्हें यह गीत गाकर कोई उनकी 'देशभक्ति' साबित करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता और कोई भी सच्चा मुसलमान इसे नहीं गाएगा, क्योंकि इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं है।
विवाद को और तूल देते हुए शिव सेना के नेता और परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने आजमी और पठान को 'देशद्रोही' कह डाला।
रावते ने कहा, "वे देशद्रोही हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि वंदे मातरम से देशप्रेम झलकता है और हमारे सैनिक इस देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर रहे हैं। अगर उन्हें इतनी शर्म आती है और राष्ट्रीय गीत नहीं गाना चाहते तो बेहतर होगा कि वे पाकिस्तान चले जाएं।"