नई दिल्ली/श्रीनगर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए आतंकवाद के वित्त पोषण मामले की जांच के तहत बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर में 12 स्थानों पर छापेमारी की। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकवादियों द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच के लिए श्रीनगर, बारामूला और हंदवाड़ा में छापेमारी की गई।
इस मामले में कश्मीर के एक बड़े कारोबारी जहूर वटाली के तीन करीबियों पर भी छापेमारी की गई। वटाली पहले से एनआईए की जांच के घेरे में हैं और एजेंसी के अधिकारी उससे इस मामले में पूछताछ कर चुके हैं।
वटाली के गुरुग्राम, दिल्ली और श्रीनगर स्थित आवासों पर जून में छापेमारी की गई थी।
एनआईए कश्मीर में एक नामी वकील शफी ऋषि और एक बड़े कारोबारी पीरजदा नबी के आवासों और कार्यालयों पर भी छापेमारी कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वटाली, ऋषि और नबी के आतंकवाद के वित्त पोषण से संबंध होने के प्रमाण मिले हैं।
एनआईए ने इस मामले में 24 जुलाई को सात अलगाववादी नेताओं - अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, पीर सैफुल्ला, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे और फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे को गिरफ्तार किया था।
उन्हें अपराधिक साजिश और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अल्ताफ अहमद शाह हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद हैं, जो जम्मू एवं कश्मीर के पाकिस्तान के साथ विलय की वकालत करते हैं।
वहीं, इस्लाम हुर्रियत नेता मीर वाइज उमर फारूक के करीबी हैं और अयाज अकबर, गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत के प्रवक्ता हैं।
सौजन्य: आईएएनएस