सहयोगी के तेवर बागी, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की घेरेबंदी तेज हो गयी है। विपक्ष सरकार पर पहले से ही हमलावर है और अब उसके सहयोगी भी बागी तेवर दिखाने लगे हैं। अब मोदी सरकार के खिलाफ पहला संसद में पहला अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी

Update:2018-03-15 20:40 IST
सहयोगी के तेवर बागी, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की घेरेबंदी तेज हो गयी है। विपक्ष सरकार पर पहले से ही हमलावर है और अब उसके सहयोगी भी बागी तेवर दिखाने लगे हैं। अब मोदी सरकार के खिलाफ पहला संसद में पहला अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए गोलबंदी तेज कर दी है। पार्टी के 6 सांसदों ने लोकसभा महासचिव को प्रस्ताव का नोटिस दिया है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर टीडीपी पहले ही मोदी सरकार से नाराज चल रही है।

जगन मोहन ने मांगा विपक्षी दलों से समर्थन

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता जगन मोहन रेड्डी की पार्टी अविश्वास प्रस्ताव के लिए अन्य विपक्षी दलों से समर्थन व सहयोग मांगा है। पार्टीकेसांसदजगनकीओर सेलिखेगएएकपत्र को विपक्षी सांसदों के बीच बांट रहे हैं और उनसे इस प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील कर रहे हैं। सदन में यह प्रस्ताव पेश करने के लिए 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है। जगन के पत्र में इस्तीफे की धमकी भी दी गई है। जगन ने पत्र में कहा है कि इस प्रस्ताव के बाद भी केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने को तैयार नहीं होती है तो पार्टी के सभी सांसद 6 अप्रैल को सदन की सदस्यता त्याग देंगे। वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा में 9 व राज्यसभा में एक सांसद है।

टीडीपी मोदी सरकार को दे सकती है दूसरा झटका

जगन मोहन के कड़े रुख के कारण चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी भी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर कड़ा कदम उठाने को मजबूर हो गयी है। यह दबाव का ही नतीजा है कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भी प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया है। नायडू ने इस बाबत विधानसभा में कहा कि अगर जरुरत पड़ी टीडीपी केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। जगन मोहन ने इस मामले को लेकर नायडू को भी पत्र लिखकर समर्थन मांगा है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नायडू हैदराबाद में एक बैठक भी कर चुके हैं। उधर टीआरएस भी राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रही है। यह भी माना जा रहा है कि टीडीपी मोदी सरकार को जल्द ही दूसरा झटका भी दे सकती है। यह झटका पहले झटके से और जोरदार होगा। सूत्रों के मुताबिक मोदी कैबिनेट से अपने दो मंत्रियों को वापस बुलाने के बाद टीडीपी एनडीए से अलग हो सकती है।

फिलहाल मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं

वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े, टीएमसी नेता सौगत राय, बीजेडी नेता भतृहरी महताब, टीडीपी नेता थोटा नरसिम्हा, सीपीएमनेतासीतारामयेचुरी, एनसीपीनेतातारिकअनवर, आप नेताभगवंतमानसमेत कई नेताओं से अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने की अपील की है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद विजय सई रेड्डी ने बताया कि लोकसभा सदस्य वाईवी सुब्बा रेड्डी शुक्रवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव रखेंगे। हमारी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए विपक्ष के दूसरे दलों से सहयोगी की अपील करती है। हालांकि लोकसभा में बीजेपी पूर्ण बहुमत में है। ऐसे में टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने या गठबंधन से अलग होने से केंद्र सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है।

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