श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस की ओर से रविवार (29 अक्टूबर) को आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में राज्य प्रतिनिधियों ने पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष चुना है। इस मौके पर नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया।
इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और पार्टी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'हम स्वायत्तता चाहते हैं। इसे हम पाकिस्तान से नहीं भारतीय संविधान से चाहते हैं। लाल किले से कश्मीर पर बात करने में प्रधानमंत्री जी को तीन साल लग गए।'
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बातचीत से ही निकल सकता है हल
पार्टी की बैठक में उमर ने कहा, 'कश्मीर समस्या का हल बातचीत से ही निकल सकता है। इसका कोई अन्य विकल्प नहीं है। जम्मू-कश्मीर मसला पैसों और गोलियों के दम पर नहीं सुलझ सकता। यह केवल बातचीत से ही हल हो सकता है।'
'हम उलझन में हैं'
पूर्व सीएम ने कहा, 'कश्मीर के महाराजा चाहते थे कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। हम उलझन में हैं। आपने वार्ताकार की घोषणा की। लेकिन बहुत से वक्तव्य भी आ रहे हैं। आगे बढ़ने का संवाद ही एकमात्र तरीका है। उनका मानना है कि हम मर चुके हैं लेकिन हम जिंदा हैं और जिंदा रहेंगे।'
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हमारा भारत के साथ विलय नहीं हुआ था
उमर आगे बोले, 'हम स्वायत्तता लेकिन भारत के संविधान से। पाकिस्तान या किसी दूसरे से नहीं। हमारा भारत के साथ विलय नहीं हुआ था। हमारे पास खुद का संविधान है। हमारा अपना निशान है। देश के दूसरे राज्यों के साथ इसकी तुलना मत कीजिए। यह संविधान में लिखा है। हम भारतीय संविधान के दायरे में बात करते हैं। लेकिन अगर यह राष्ट्रीय विरोधी है तो आप किस बात की बात कर रहे हैं।'
'नेशनल कांफ्रेंस कभी नहीं मरेगी'
इसी कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया, उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए घाटी में दिल्ली से धन आ रहा है। उन्होंने कहा, कि 'नेशनल कांफ्रेंस कभी नहीं मरेगी, यह हमेशा जिंदा रहेगी।'
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