लखनऊ: विपक्ष के हंगामे और शोरशराबे के बीच गर्वनर राम नाईक ने शुक्रवार को यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को दी जाने वाली राहत राशि अब तक नहीं दी है। राज्य सरकार अपने 'कंटिजेंसी फंड' से किसानों को राहत दे रही है। इसीलिए 'कंटिजेंसी फंड' को भी बढ़ाया गया है। राहत राशि का अभी तक इंतजार है। केंद्र सरकार की गलत नीति के कारण चीनी की कीमतें कम हो गईं हैं।
विपक्ष का हंगामा
-कांग्रेस, आरएलडी और बीएसपी के हंगामे के कारण 109 पेज का अभिभाषण गर्वनर को 17 मिनट में खत्म करना पड़ा।
-गर्वनर ने शोरशराबे के बीच पहला दो और अंतिम एक पेज पढ़ा।
-अभिभाषण में शांति बनाए रखने की उनकी अपील का विपक्षी दलों पर असर नहीं हुआ।
-संयुक्त सदन में बैनर और पोस्टर भी लहराए गए।
-विपक्ष का कहना है कि सपा सरकार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
-गन्ना किसानों का पैसा बकाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने गवर्नर वापस जाओ के भी नारे लगाए।
-अब आठ फरवरी को 11 बजे विधानसभा की अगली कार्यवाही होगी।
क्या कहा बसपा ने?
-बसपा ने कहा कि गवर्नर का अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है।
-भ्रष्ट सरकार के बनाए अभिभाषण को सुनने का कोई मतलब नहीं है।
-उत्तर-प्रदेश में खनन माफिया हावी हैं।
-बुंदेलखंड की हालत बहुत ज्यादा खराब है।
-गन्ना किसानों की बकाया रकम का भुगतान अब तक नहीं किया गया है।
-राज्य की ज्यादातर नहरें सूख चुकी हैं।
-मायावती का शासन करेगा कुशासन का अंत।
क्या कहा कांग्रेस ने?
-कांग्रेस ने कहा कि सपा और बीजेपी मिली हुईं हैं।
-दोनों राज्य में दंगा कराना चाहती हैं।
-माहौल खराब करने का कारण होने वाले विधानसभा चुनाव हैं।
क्या कहा आरएलडी ने ?
-किसानों को खराब मौसम के कारण मिलने वाली क्षतिपूर्ति नहीं की गई है।
-18 और 20 रुपए का चेक देकर उड़ाया गया किसानों का मजाक।
-सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है।
-गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर अरबों रुपए बकाया है।
-गर्वनर पुराने प्रोटोकाल से ही विधानसभा आए।
गवर्नर के लिए नया प्रोटोकॉल भी नहीं माना
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गवर्नर के लिए एक नया प्रोटोकॉल जारी किया था, जिसे बीजेपी को छोड़कर किसी पार्टी ने नहीं माना। यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ''ये कोई राजशाही नहीं है कि गवर्नर बैंड-बाजे के साथ जुलूस के रूप में राजा की तरह आएं।"
ये था नए प्रोटोकॉल में?
-गवर्नर राम नाईक का स्वागत पोर्टिको में किया जाना था।
-गवर्नर को बैंड-बाजे के साथ विधानसभा के गेट तक ले जाना था।
-उनके साथ सीएम, मिनिस्टर ऑफ पार्लियामेंट्री अफेयर्स और चीफ जस्टिस को मौजूद रहना था।
-गवर्नर को विदाई देने के लिए सीएम को पोर्टिको तक आना था।
नीचे की स्लाइड्स में देखिए, विपक्ष के हंगामे की कुछ और तस्वीरें...