वाशिंगटन : अमेरिका अगले दो दिनों में पाकिस्तान के खिलाफ अगली कार्रवाई की घोषणा कर सकता है। यह बता अमेरिकी प्रेस सचिव सैंडर्स ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में प्रेस को संबोधित करते हुए कही।
सैंडर्स ने कहा कि जेरुसलम के मसले पर पाकिस्तान व अन्य देश जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का साथ नहीं दिया, उनके खिलाफ कार्रवाई की घोषणा अगले दो दिनों में की जाएगी।
इससे पहले ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता की 25.5 करोड़ डॉलर की रकम 'आतंकियों का पनाह' देने को लेकर रद्द कर दी गई।
सैंडर्स ने कहा कि इस्लामाबाद को आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए ज्यादा कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के खिलाफ उठाए गए कदम पिछले साल घोषित ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति के तहत की गई आगे की कार्रवाई है।
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उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए अगस्त में नई रणनीति की रूपरेखा तय की थी। उस समय, उन्होंने एक नीति बनाई थी और कहा था कि पाकिस्तान अपना दायित्व नहीं निभा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "राष्ट्रपति सही मायने में अपनी प्रतिबद्धता पालन कर रहे हैं, जिसका वचन वह पहले ही ले चुके हैं। हम जानते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ बहुत कुछ कर सकता है और हम चाहते हैं कि वह इस दिशा में कदम बढ़ाए और कुछ कर दिखाए।"
उनसे जब यह पूछा गया कि क्या कोई खास वजह को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार को ट्वीट करना पड़ा था तो उन्होंने कहा, "बात यही है जिसका राष्ट्रपति अनुपालन कर रहे हैं और उन्होंने अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया की रणनीति तय करते समय भी इसका जिक्र किया था।"
उन्होंने कहा कि यह ऐसा मसला है जिसपर हर दिन प्रशासन की निगाह बनी रहती है।
सैंडर्स ने कहा, "जेरुसलम के मसले पर पाकिस्तान व अन्य देश जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का साथ नहीं दिया उनके खिलाफ कार्रवाई की घोषणा अगले दो दिनों में की जाएगी।"
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व्हाइट हाउस की ओर से सैन्य सहायता रद्द करने के कदम को ट्रंक की ओर से पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध सख्त करने के संकल्प की दिशा में पहली कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
ट्रंप की ओर से एक ट्वीट में पाकिस्तान को झूठा होने का आरोप लगाए जाने के बाद इस्लामाबाद को सैन्य सहायता देना बंद कर दिया गया है।
ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा था- "अमेरिका ने अज्ञानतावश पिछले पंद्रह साल में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की आर्थिक मदद की है और बदले में उसने झूठ, धोखा और हमारे नेताओं को मूर्ख समझने के सिवा हमें कुछ नहीं दिया। अफगानिस्तान में हम जिन आतंकियों की तलाश कर रहे हैं वह (पाकिस्तान) उन्हें पनाह दे रहा है।''
ट्रंप ने यह ट्वीट वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच तल्ख हो रहे रिश्ते के परिणमास्वरूप किया था।