विरोध पर गुलाम अली बोले- दोनों देशों के नेता नहीं चाहते अमन और चैन

Update: 2016-04-25 11:19 GMT

वाराणसी: पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली हिंदू संगठनों के विरोध के बीच काशी पहुंचे। वह संकट मोचन मंदिर में होने वाले संगीत समारोह में भाग लेंगे। उन्होंने कहा,''संगीत के माध्यम से दोनों मुल्कों के कलाकार अमन, चैन और प्यार का पैगाम देना चाहते हैं। लेकिन दोनों मुल्कों में उपर बैठे सियासदान ऐसा होने नहीं देना चाहते हैं।''

मोदी पर चुप्पी

पिछली बार गुलाम अली जब काशी आए थे तो उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में कहा था कि वे दोनो देशों की खाई को दूर करने में सफल होंगे। इस पर सवाल करने पर उन्होंने कहा कि वे कलाकार हैं, इसलिए सियासत पर कुछ नहीं बोलना चाहते हैं।

'उनके लिए करूंगा दुआ'

शिवसेना और हिंदूवादी संगठनों के विरोध पर गुलाम अली ने कहा कि वे उपर वाले से दुआ करेंगे कि वे उन्हें अच्छा सोचने और समझने की शक्ति प्रदान करें। गुलाम अली ने कहा कि संगीत ही एक ऐसा माध्यम से जो दिलों के नफरत को प्यार में बदल सकता है।

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क्या कहना है हिंदू संगठनों का ?

-गुलाम अली को काशी में आने से रोका जाए, क्योंकि उनके यहां आने से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।

-पाकिस्तान में हिंदुओं का धर्मांतरण और लड़कियों के साथ रेप की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

-संकट मोचन मंदिर में आतंकी हमले में कई लोगों की जान जा चुकी हैं।

-पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार घुसपैठ कर रहा है। पठानकोट में आतंकी हमला हुआ।

-गुलाम अली के साथ-साथ पाकिस्तान हाईकमिश्नर अब्दुल बासित को भी मंदिर में घुसने की परमिशन न दी जाए।

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