जश्न-ए-आजादी: लाल किले से - 'देश न झुकेगा, न रुकेगा और न ही थकेगा'- PM मोदी

Update: 2018-08-15 04:34 GMT

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगे की रक्षा करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वतंत्रता दिवस पर यहां लाल किला पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में मोदी ने कहा, "भारतवासियों की तरफ से मैं आजादी दिलाने के लिए अपनी जान गंवाने वाले सभी पुरुषों और महिलाओं को नमन करता हूं।"

उन्होंने कहा, "मैं तिरंगा की रक्षा में शहीद होने वाली सेना और अन्य सशस्त्र बलों के जवानों को सलाम करता हूं।"जलियांवाला बाग नरसंहार में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा, "अगले साल बैसाखी पर जलियांवाला नरसंहार के 100 वर्ष पूरे होंगे। मैं स्वतंत्रता के लिए शहीद होने वाले सभी लोगों को नमन करता हूं।"

प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई।

सराहा 7 समुद्रों को पार करने वाली देश की बेटियों को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दुनिया का भ्रमण करने वाली नौसेना की छह महिला अधिकारियों के समूह की सराहना की और कहा कि राष्ट्र की बेटियों ने सात समुद्रों को पार कर लिया है और दुनिया को तिरंगे के रंग में रंग दिया है। मोदी ने यहां लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद अपने भाषण में कहा, "भारतीय नौसेना की छह महिला अधिकारियों ने हाल ही में आईएनएसवी तारिणी से दुनिया का भ्रमण किया, यह गर्व के साथ स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने का एक और कारण है।"

महिलाओं को सलाम करते हुए मोदी ने कहा, "हमारी बेटियों ने सभी सात समुद्र पार कर लिए हैं और दुनिया को तिरंगे के रंग में रंग दिया है।"

लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी जो टीम का नेतृत्व कर रही थीं, प्रतिभा जामवाल, लेफ्टिनेंट स्वाति पत्रपल्ली, ऐश्वर्या बोद्दापति, विजया देवी और पायल गुप्ता ने भारतीय नौसेना नौकायन वाहन (आईएनएसवी) तारिणी पर दुनिया भर में नौकायन करते हुए समुद्र में आठ महीने बिताए।

यह सभी महिला नौसेना अधिकारियों द्वारा पहली बार किया गया प्रयास था। उन्होंने लगभग 22,300 समुद्री मील (41,255 किलोमीटर) की दूरी तय की।

प्रधानमंत्री ने माउंट एवरेस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए आदिवासी बच्चों की भी सराहना की।

उन्होंने कहा, "मैं आदिवासी बच्चों को सलाम करता हूं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और भारत को गौरवान्वित किया।"

कश्मीर समस्या का समाधान गोलियों से नहीं किया जा सकता

जम्मू एवं कश्मीर पर पिछले साल कहे अपने शब्दों को दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कश्मीर की समस्याओं को केवल वहां के लोगों को गले लगाकर ही हल किया जा सकता है गोलियों या दुर्व्यवहार से इसका समाधान नहीं हो सकता।

यहां लाल किले के प्राचीर से 72वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शिक्षाओं का अनुसरण कर रही है।

मोदी ने कहा, "अटलजी ने 'इंसानियत' (मानवता), 'कश्मीरियत' (उदार कश्मीरी संस्कृति) और 'जम्हूरियत' (लोकतंत्र) का आह्रान किया था। मैंने भी कहा है कि कश्मीर के मसले का समाधान कश्मीर के लोगों को गले लगाकर किया जा सकता है।"

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू एवं कश्मीर में सभी वर्गों और क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर, जहां फिलहाल राज्यपाल शासन हैं, वहां बहुप्रतीक्षित पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि ये चुनाव कब होंगे।

--आईएएनएस

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