अमृतसर रेल हादसे पर राष्ट्रपति व पीएम ने जताया शोक, पंजाब में आज बंद रहेंगे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस
अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार की शाम रावण दहन देख रहे लोग तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे 61 लोगों की मौत हो गई और 72 अन्य घायल हो गए। घायलों में कई की हालत गंभीर है। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है और त्योहार के दिन देशभर में लोग गमगीन हैं। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर शोक व्यक्त किया है।
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बता दें, इस भीषण हादसे के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है, जबकि प्रधानमंत्री ने मृतकों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
वहीं, इस घटना के कारण राज्य में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है, जिसकी वजह से आज सभी स्कूल-कॉलेज और ऑफिस बंद रहेंगे।
क्या था पूरा मामला?
अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था। जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग पीछे खिसकते हुए रेल पटरी पर चले गए। कुछ लोग रावण दहन देखने के लिए पहले से ही रेल पटरी पर खड़े थे।
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उसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही ट्रेन तेज रफ्तार से आई और बड़ी तादाद में लोगों को अपनी चपेट में लेते हुए गुजर गई। ट्रेन को वहां से गुजरने में महज 10 से 15 सेकेंड लगे, ट्रेन के गुजरते ही क्षत-विक्षत शव दूर-दूर तक बिखर गए और घायलों की चीख-पुकार मच गई।
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बताया जाता है कि रावण दहन के दौरान पटाखे की गूंज की वजह से लोग ट्रेन की सीटी की आवाज नहीं सुन सके। रावण के जलने के दौरान आग की लपटें तेज होने की वजह से लोग दशहरा स्थल से रेल पटरी पर जाकर नजारा देखने लगे।
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वहीं, इस मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि आग की लपटें तेज होने के बाद लोग रेल पटरी की ओर इस भय से खिसकने लगे कि पुतला उनके ऊपर न आ गिड़े। यह भी जा रहा है कि इसी दौरान वहां भगदड़ मची और उसी दौरान ट्रेन आ गई। इससे पहले की लोग कुछ समझते ट्रेन बुरी तरह लोगों को कुचलते हुए निकल गई।