Breaking: 13 जून को राहुल देंगे इफ्तार दावत, शामिल होगा गैर- बीजेपी कुनबा

Update: 2018-06-09 10:51 GMT
Rahul Gandhi

मनोज द्विवेदी

नई दिल्ली: तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, इफ्तार दावत का आयोजन करेंगे। यह कार्यक्रम 13 जून को होगा और इसमें देश भर के गैर-बीजेपी दलों को आमंत्रित किया जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से यह पहल, यूपीए-3 को अस्तित्व में लाने का प्रयास है।

ये नेता हो सकते हैं शामिल

जानकारी के अनुसार इफ्तार दावत के आयोजन में कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी मुख्य अतिथि हो सकते हैं। वहीं यूपी के कद्दावर नेता अखिलेश यादव और मायावती को भी निमंत्रण भेजा जाएगा। ममता बनर्जी, शरद पवार सहित पूरे देश से गैर—बीजेपी नेताओं व पार्टियों के प्रमुख इस दावत में खास मेहमान बनकर शामिल होंगे। कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो इस आयोजन में कुछ विदेशी राजदूतों को भी बुलाया जाएगा।

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अशोक गहलोत बने सूत्रधार

राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस 13 जून को रोज़ा इफ्तार का आयोजन पहली बार कर रही है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग की पहल को राहुल गांधी ने मंजूर कर लिया है। इस आयोजन से संबधित आखिरी दौर की बैठक शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से की गई और इस पूरे आयोजन को हरी झंडी मिल चुकी है। पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत इसके सूत्रधार हैं आयोजन का पूरा खाका उन्होंने ही तैयार किया है।

ताज पैलेस में होगा आयोजन

कांग्रेस पार्टी में अल्पसंख्यक विभाग के नवनियुक्त अध्यक्ष नदीम जावेद और उनकी टीम ने अशोक गहलोत से मुलाकात की और इस आयोजन के लिए बात की। बाकी का काम गहलोत ने खुद किया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के फाइव स्टार होटल ताज पैलेस में इसका आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए पैलेस का दरबार हॉल बुक कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार पार्टी के सदस्यों को इस आयोजन की तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दिया गया है और जल्द ही मेहमानों को निमंत्रण पत्र भेजे जाएंगे।

राष्ट्रपति के ऐलान के बाद बदली रणनीति

कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बार इफ्तार के आयोजन से परहेज़ किया है।खबरों के मुताबिक, किसी भी धार्मिक आयोजन की इज़ाजत अब राष्ट्रपति भवन में नहीं दी जाएगी। जबकि इससे पहले प्रणब मुखर्जी ने आयोजन किया था। सूत्र बताते हैं इस घोषणा के बाद ही कांग्रेस ने रणनीति बदली और आयोजन को हरी झंडी दी। भारत की राजनीति में इफ्तार का आयोजन कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार के हालात कुछ अलग हैं और ऐसे में यह आयोजन मायने रखता है।

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इंदिरा गांधी के समय से आयोजन

रोज़ा इफ्तार का आयोजन इंदिरा गांधी के समय से शुरू हुआ था। वहीं कुछ राजनीतिज्ञों का मानना है कि पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा ने ऐसा आयोजन शुरू किया था। सियासी पार्टियां ही नहीं आरएसएस की सहयोगी संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने भी 2016 में इफ्तार का आयोजन किया। इस बार भी मुबंई बीजेपी की ओर से इफ्तार का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि बन शामिल हो रहे हैं।

 

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