रेलवे का फरमान, अधिकारियों को अब नहीं मिलेगा VIP ट्रीटमेंट

ऐसा करने वाले अधिकारियों को फौरन कर्मचारियों को घर के काम से रिलीव करने के ऑर्डर दिए गए हैं ताकि कर्मचारी अपने मूल काम पर लौट आएं। करीब 36 हजार कर्मचारी अधिकारियों के घरों में काम कर रहे हैं । आदेश जारी होने के बाद सात हजार लोग अपनी पुरानी डयूटी पर वापस आ गए हैं।

Update: 2017-10-08 12:18 GMT

नई दिल्ली: रेलवे में वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत अब कोई भी अधिकारी निजी काम के लिए घरों में रेल कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं लगा सकता है।

ऐसा करने वाले अधिकारियों को फौरन कर्मचारियों को घर के काम से रिलीव करने के ऑर्डर दिए गए हैं ताकि कर्मचारी अपने मूल काम पर लौट आएं। करीब 36 हजार कर्मचारी अधिकारियों के घरों में काम कर रहे हैं । आदेश जारी होने के बाद सात हजार लोग अपनी पुरानी डयूटी पर वापस आ गए हैं।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मेंबर्स को भी नहीं मिलेगा वीआईपी ट्रीटमेंट

इसके अलावा 36 साल से जारी प्रोटोकॉल के तहत रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मेंबर्स को भी दौरे के वक्त वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। आदेश में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मेंबर्स के दौरे के वक्त भी मिलने वाले वीआईपी ट्रीटमेंट की गाइडलाइंस को फौरन वापस ले लिया है।

बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि दौरे पर गया कोई रेलवे अफसर अब बुके और गिफ्ट भी नहीं लेगा। अब चेयरमैन और मेंबर्स की जोनल विजिट में आवाजाही के वक्त जनरल मैनेजर को स्टेशन पर मौजूद रहना जरूरी नहीं है।

क्या था अब तक प्रोटोकॉल?

साल 1981 में जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और बाकी मेंबर्स किसी जोन के दौरा करते थे, तब जनरल मैनेजर को प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए उन्हें रिसीव करने और छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन-एयरपोर्ट्स जाना पड़ता था।

रेल मंत्री पियूष गोयल कह चुके हैं कि रेलवे के अफसरों को आरामदायक सैलून्स (डिब्बों) और एक्जीक्यूटिव क्लास में सफर करना छोड़ देना चाहिए। इसके लिए स्लीपर और एसी थर्ड कोच में सफर करें ताकि यात्रियों से घुल-मिल सकें।

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