काम के आधार पर ही BJP सांसद पायेंगे अगले लोकसभा चुनाव में टिकट 

Update:2018-06-18 14:18 IST
काम के आधार पर ही BJP सांसद पायेंगे अगले लोकसभा चुनाव में टिकट 

सूरजकुंड : हरियाणा के सूरजकुंड में पिछले पांच दिनों से चल रहे संघ-बीजेपी की समन्वय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें बीजेपी के संगठन मंत्रियों से कहा गया है कि वे पार्टी के सभी सांसदों के प्रदर्शन की समीक्षा करें और उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करें।

यह भी पढ़ें .....आरक्षण समीक्षा को लेकर गलत समय पर आया संघ का बयान, सकते में बीजेपी

रिपोर्ट्स के आधार पर ही तय किया जाएगा कि 2019 में किस मौजूदा सांसद को टिकट दिया जाए और किसे नहीं। बैठक में यूपी पर खास तौर से विचार किया गया। संघ ने अपने संगठन के लिहाज से यूपी को छह प्रांतों में बांट रखा है और सभी प्रांतों के प्रमुखों से यह रणनीति बनाने में मदद ली जाएगी कि सपा-बसपा के गठबंधन से कैसे निपटा जाए। बीजेपी की यूपी में प्रमुख चिंता बसपा और सपा का बन रहा गठजोड है जिसने उपचुनाव में बीजेपी की चूलें हिला दी है और पार्टी के माथे पर परेशानी की लकीर खींच दी है ।

यह भी पढ़ें .....सहारनपुर घटना पर मायावती का हमला, बोलीं- दलितों को रौंदना चाहती है BJP-RSS

एक बीजेपी नेता के अनुसार इस साल बीजेपी-आरएसएस समन्वय की ऐसी कई और बैठकें होंगी। अंत में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ,पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर रणनीति को अंतिम रूप देंगे।

यह बैठक 14 जून से ही चल रही है और सोमवार 18 जून को अंतिम दिन है। संगठन मंत्रियों से यह कहा गया है कि इसके बारे में रिपोर्ट बनाएं कि हर सांसद ने अपने क्षेत्र में कितना काम किया है। उसका जनाधार है कि नहीं और अभी भी लोकप्रियता बरकरार है या नहीं।

यह भी पढ़ें .....सीतापुर: राहुल गांधी ने खुद पर जूता फेंकने के लिए बीजेपी-आरएसएस को ठहराया जिम्मेदार

यह भी देखा जाएगा कि सांसद कार्यकर्ताओं को साथ जोड़े रहता है या नहीं या उसकी अब जीतने की संभावना कितनी ​है । सभी संगठन मंत्रियों से अगले एक महीने के भीतर ही रिपोर्ट देने को कहा गया है। एक बीजेपी नेता के अनुसार इस रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि बीजेपी के कितने मौजूदा सांसदों को टिकट मिलेगा। जिन सांसदों ने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया है उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं लेकिन यदि किसी सांसद के बारे में जनता में अच्छी धारणा नहीं है, तो वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो, उसे टिकट नहीं मिलेगा। यदि रिपोर्ट में यह पाया गया कि किसी क्षेत्र का सांसद चुनाव नहीं जीत सकता, तो संगठन मंत्री से यह कहा जाएगा कि वह ऐसे कैंडिडेट का नाम सुझाएं जो चुनाव जीत सकता है।

यह भी पढ़ें .....भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में जुटा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

सूरजकुंड में तीन दिन तक पार्टी के महासचिवों की भी बैठक हुई जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि 2019 के लिए तैयारी को कैसे आगे बढ़ाया जाए और इसमें संघ प्रचारकों की क्या

भूमिका हो ।

Tags:    

Similar News