#RunForUnity : पटेल जयंती पर PM मोदी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
देश की मजबूत एकता, अखंडता और सुरक्षा को संरक्षित करने में सरकार के समर्पण को व्यक्त करने के लिए मोदी सरकार मंगलवार (31 अक्टूबर) को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस मना रही है।
नई दिल्ली : देश की मजबूत एकता, अखंडता और सुरक्षा को संरक्षित करने में सरकार के समर्पण को व्यक्त करने के लिए मोदी सरकार मंगलवार (31 अक्टूबर) को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस मना रही है।
इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। पीएम मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इंदिरा गांधी को भी याद किया। मोदी ने कहा कि आज पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की भी पुण्यतिथि है।
रन फॉर यूनिटी
पीएम मोदी ने दिल्ली में रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाई और यहां पर मौजूद लोगों को एकता की शपथ दिलाई। मोदी के साथ इस दौरान मंच पर दीपा करमाकर, सुरेश रैना, सरदारा सिंह भी मौजूद रहे। एकता दौड़ नेशनल स्टेडियम से शुरू होकर सी-हैक्जागोन और शाहजहां रोड से होती हुई इंडिया गेट (1.5 किलोमीटर) पहुंची। इस दौड़ में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ये दौड़ भारतीय खेल प्राधिकरण के अनुभवी कोचों द्वारा आयोजित की गई।
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क्या बोले राजनाथ ?
राजनाथ सिंह ने कहा कि जब से पीएम मोदी ने बागडोर संभाली है, तभी से देशभर में सरदार पटेल के जन्मदिवस को एक पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। सरदार पटेल ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया।
मोदी ने दिलाई ये शपथ
मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आतंरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आत्मनिष्ठा से शपथ लेता हूं। भारत माता की जय।
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क्या बोले पीएम मोदी ?
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने साम दाम दंड भेद, कूटनीति और रणनीति के जरिए देश को एक सूत्र में बांधा।पिछली सरकारों ने सरदार पटेल को इतिहास में सही स्थान नही दिया। उनके योगदान को सही तरीके से युवायों तक नही पहुंचाया गया। इतिहास के झरोखे से सरदार साहब के नाम को मिटाने का प्रयास हुआ या उनके नाम को छोटा करने का प्रयास हुआ।
जब देश ने हमें काम करने के मौका दिया तो उनके काम पीढ़ियों तक जाने जाएं, हमने रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया। एक बार पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि आज सोचने और बोलने के लिए हमें भारत नाम का देश उपलब्ध है। यह सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टेट्समैनशिप और प्रशासन पर जबर्दस्त पकड़ के कारण हो पाया। ऐसा होने के बावजूद हम सरदार साहब को भूल बैठे हैं। राजेंद्र बाबू ने सरदार साहब के भुला देने की पीड़ा व्यक्त की थी। आज राजेन्द्र बाबू की आत्मा जहां कहीं भी होगी, वो खुश हो रही होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया में एक परंपरा में पले-बढ़े लोग एक-दूसरे को जिंदा देखने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे वक्त में हिंदुस्तान गर्व से कह सकता है कि ये हमारी ताकत है। जैसे हम हर साल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का पर्व मनाते हैं, उसी तरह एकता के मंत्र को याद रखना जरूरी है। भारत जैसे विविधता से भरे देश में हर पल एकता के मंत्र को गूंजते रहना, हर पल एकता के रास्ते खोजते रहना। हम बड़े नाज के साथ कह सकते हैं कि दुनिया के अलग-अलग रंग को यह भारत खुद में समेटे हुए है। अनगिनत देशभक्त देश के लिए जिए, देश के लिए मरे। आजादी के 75 साल (2022) पर हम कोशिश करें कि हर हिंदुस्तानी का कोई संकल्प हो संकल्प ऐसा जो देश की भलाई के लिए हो। आज सरदार पटेल की जयंती पर 2022 के लिए भी हम संकल्प करें, यह समय की मांग है।
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