सबरीमाला मंदिर किले में तब्दील, सर्वदलीय बैठक असफल, 21 हजार पुलिसकर्मी होंगे तैनात
तिरुअनंतपुरम : केरल इस समय देश और दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। देश का सबसे बड़ा सवाल इस समय ये है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी सबरीमाला मंदिर में इस बार महिलाएं प्रवेश कर पाएंगी या नहीं? ये सवाल इसलिए भी मौजू है, क्योंकि मंदिर के द्वार खुलने में कुछ घंटे ही शेष हैं और इस सवाल पर राज्य में बवाल और तनाव की स्थिति बनी हुई है। मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जो बेनतीजा रही है।
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क्या हुआ इस बैठक में
कांग्रेस और बीजेपी ने राज्य सरकार से कहा कि, सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले को लागू करने के लिए और समय मांगे। इसके बाद इन दलों के प्रतिनिधियों ने वॉकआउट कर दिया।
क्या चाहती है राज्य सरकार
केरल सरकार किसी भी हालत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने का मन बना चुकी है। सीएम पी. विजयन जल्द ही मंदिर में महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाने वाले हैं।
क्या है कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को अपने फैसले में कहा, सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश मिलना चाहिए।
सबरीमाला मंदिर को बना दिया किला
शुक्रवार से शुरू हो रहे धार्मिक अनुष्ठान से पहले सरकार और स्थानीय प्रशासन किसी तरह की सुरक्षा चूक नहीं होने देना चाहता। इसलिए लगभग 21 हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात किए जाने की तैयारी है। इन कर्मियों को अगले 60 दिनों में चार चरणों में तैनात किया जाएगा।
मंदिर परिसर के आसपास के इलाके को 6 सुरक्षा जोन में बांट दिया गया है। आईजी और डीआईजी रैंक के अफसर सुरक्षा और खामियों के लिए जिम्मेदार होंगे।