बेंगलुरु: मंदिर-मस्जिद विवाद को बाहर से सुलझाने के लिए मध्यस्था करने वाले आध्यत्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से यूपी शिया वफ्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुलाकात की। इस मुद्दे पर दोनो के बीच करीब एक घंटे तक मीटिंग चली। श्री श्री से मुलाकात के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि 'गुरुदेव से उनके आश्रम बंगलोर में आज मेरी रामजन्म भूमि/बाबरी मस्जिद विवाद को समझौते से हल करने के सिलसिले में मुलाक़ात हुई। मैंने श्री श्री रविशंकर जी को शिया वक़्फ़ बोर्ड की अपनी राय से अवगत कराया कि श्रीराम मन्दिर रामजन्म भूमि पर ही बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैन उनको बताया कि मैं इस सिलसिले में श्री राम मन्दिर निर्माण की माननीय न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे सभी महंतो/ व्यक्तियो से मिल चुका हूं और सभी श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए बातचीत करने के लिए तैयार है।
रिजवी ने कहा कि शिया वक़्फ़ बोर्ड आपसी समझौते के बिंदु तैयार कर रहा है, शिया वक़्फ़ बोर्ड नही चाहता है की अब श्रीराम जन्मभूमि पर कोई नई मस्जिद बने।' आगे उन्होंने कहा कि 'मस्जिद किसी मुस्लिम आबादी में ही बनाई जाये, अयोध्या फैज़ाबाद में जितनी मस्जिदे हैं वो वहाँ के मुसलमानो के लिए काफी है। वहां एक नई मस्जिद की अब कोई ज़रूरत नही है।
वसीम रिजवी ने ये भी कहा कि 'श्रीराम जन्मभूमि/ बाबरी मस्जिद के मामले में समझौते की बात में विवादित जगह पर मस्जिद बनाने या उसके आसपास मस्जिद बनाने की शर्त रखने वाले विवाद को बनाये रखने की साज़िश कर रहे है, ऐसे लोग देश में धार्मिक फ़साद करना चाहते है, उनके मनसूबे देश मे खून खराबा करने के है। उन्होंने कहा कि ध्वस्त की गई बाबरी मस्जिद शिया समुदाय की वक़्फ़ मस्जिद थी, इस मामले से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से कोई मतलब नही है और सिर्फ शिया वक़्फ़ बोर्ड को इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार है।
वसीम रिजवी ने आगे कहा कि 'मैं ने श्री श्री रवि शंकर जी को अपना मक़सद साफ साफ बता दिया है कि शिया वक़्फ़ बोर्ड श्रीराम के नाम पर झगड़ा नही समझौता चाहता है। मैने श्री श्री रविशंकर जी के इस मामले में समझौते के प्रयासों की सराहना की और कहा कि श्री श्री रविशंकर जी गुरुदेव जैसे महान व्यक्ति अगर इस मामले में आगे आएंगे तो हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को बल मिलेगा और कुछ उन कट्टरपंथी शैतान रूपी मुल्लाओ के भारत देश मे खून खराबा कराने के मंसूबे फेल हो सकेंगे।