येचुरी का पीएम मोदी पर प्रहार-नव उदारवादी नीतियां 'भारत छोड़ें'

Update:2017-08-09 16:28 IST

नई दिल्ली : मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि नव-उदारवादी आर्थिक नीतियां, जो लोगों को गरीब बना रही हैं, उन्हें 'भारत छोड़' देना चाहिए। संसद के उच्च सदन में उन्होंने कहा, "अगर 'भारत छोड़ो आन्दोलन' की 75वीं वर्षगांठ पर किसी चीज को भारत छोड़ना चाहिए तो वे नव-उदारवादी आर्थिक नीतियां हैं, जो लोगों को गरीब बना रही हैं। यह सांप्रदायिकता है, जो हमारे देश के लोगों को बांट रही है।"

जब भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेताओं ने इस पर टोकाटोकी की, तो येचुरी ने कहा, "यह तो माननीय प्रधानमंत्री ने कहा है कि सांप्रदायिकता को देश छोड़ देना चाहिए और मैं भी सांप्रदायिकता की ही बात कर रहा हूं। मैं कह रहा हूं कि क्या हम इसे भगाने के लिए कुछ कर रहे हैं?"

ये भी देखें:भारत छोड़ो आंदोलन: सोनिया ने कसा तंज, मोदी सरकार पर किए तीखे वार

येचुरी ने कहा कि वर्तमान आर्थिक नीतियां बेरोजगारी और गरीबी में वृद्धि कर रही हैं, तथा अमीर और गरीब के बीच की खाई को और चौड़ा कर रही हैं।

येचुरी ने कहा, "साल 2014 में जीडीपी का 49 फीसदी भारत की एक फीसदी आबादी के पास था और अब जीडीपी का 58.4 फीसदी महज एक फीसदी लोगों के हाथों में है। क्या इसी भारत का 1947 में सपना देखा गया था, जब हम आजाद हुए थे?"

येचुरी ने कहा, "भारत को धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए हमें आन्दोलन करना होगा, न कि भारत में हिन्दू पाकिस्तान बनाने के लिए।"

ये भी देखें:नीतीश के मंत्री बोले-‘भारत माता की जय’ न बोलने वाले पत्रकार पाक सपोर्टर

उन्होंने कहा, "क्या संकल्प होना चाहिए? यह सिर्फ अतीत की स्मृतियों को याद करनेवाला नहीं होना चाहिए। यह अच्छा है, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम आगे की तरफ बढ़ रहे हैं या हम पीछे की तरफ बढ़ रहे हैं।"

हिंदू-मुस्लिम एकता ने 'भारत छोड़ो' को सफल बनाया था : आजाद

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान कोई दंगा नहीं हुआ था क्योंकि महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू ने हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच एकता बनाए रखी थी।

आजाद ने भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने के मौके पर राज्यसभा में कहा, "महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू (देश के पहले प्रधानमंत्री) ने कहा था कि भारत को आजादी सिर्फ तभी मिल सकती है, जब हिंदू और मुस्लिम साथ मिलकर लड़ेंगे।"

राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान आजाद ने कई स्वतंत्रता सेनानियों जैसे मंगल पांडे, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल और अन्य को देश की आजादी की लड़ाई में अमूल्य योगदान देने के लिए श्रद्धांजलि दी।

Tags:    

Similar News