लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने जा रहा है। राममंदिर आंदोलन अक्टूबर महीने से फिर शुरू हो सकता है। विश्व हिंदू परिषद ने पांच अक्टूबर को देश भर के प्रमुख 36 संतों की बैठक बुलाई है। जिसमें संतो की समिति पांच अक्टूबर को कार सेवा का एलान कर सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले 21 जून को समान अधिकार पार्टी 16 नवंबर से कारसेवा शुरू करने का एलान कर चुकी है।
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संतों की समिति के प्रमुख राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी रहे महंत नृत्य गोपाल दास हैं। सूत्रों के मुताबिक संतो की बैठक के लिए विहिप ने पत्र जारी कर दिया है और राम मंदिर निर्माण के लिए निर्णय लेने के लिए न्योता भेजा है। बैठक दिल्ली में होने की बात कही जा रही है। सूत्रों के मुताबिक संतों की इस बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन करने का फैसला लिया जाएगा। आंदोलन के लिए देश भर से हिंदुओ को कार सेवा कर राम मंदिर निर्माण के लिए भाग लेने का आग्रह किया जाएगा।
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राम मंदिर पर विहिप के एक नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कब तक इंतजार किया जा सकता है. जब इस विषय पर इतना विलंब हो चुका है तो हमने इस आंदोलन के लिए हमारी आगे की क्या नीति हो इसके लिए संतों की बैठक पांच अक्टूबर को बुलाई है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस पर फैसले को लेकर विलंब को देखते हुए हमने इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि दिन पहले ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया था कि इस विषय पर अध्यादेश लाए जाने पर विचार किया जाना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा था कि राम जन्मभूमि पर राम मंदिर जल्दी बनना चाहिए। इस मामले को और लटकाया नहीं जाना चाहिेए।
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इससे पहले राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राम विलास वेदांती ने दावा किया था कि अयोध्या विवाद के पक्षकारों ने मंदिर विवाद को आपसी समझौते से हल करने का फार्मूला आपसी सहमति से निकाल लिया है। वेदांती ने दावा किया कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बन गई है। इसके तहत लखनऊ में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जाएगी, जबकि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी।
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राम विलास वेदांती ने इलाहाबाद में मिशन मोदी अगेंस्ट पीएम कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए यह कहा था कि दो अक्टूबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में आउट ऑफ कोर्ट सेटेलमेंट होने का हलफनामा दाखिल कर इस पर अदालत की मुहर भी लगवा ली जाएगी।