नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के बाद बीजेपी को अरुणाचल प्रदेश में नबाम तुकी की सरकार को बहाल कर एक बड़ा झटका दे दिया है। गवर्नर के आदेश से विधानसभा स्पीकर को हटाने और सरकार को बर्खास्त करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नर से विधानसभा की बैठक बुलाने औॅर गैरकानूनी तरीके से हटाए गए विधानसभा अध्यक्ष और सीएम को बहाल करने का आदेश दिया है। ये आदेश जस्टिस जेएस. शेखर ने दिया। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि घड़ी अब घूमनी चाहिए।
अरुणाचल प्रदेश के गवर्नर ने पिछले 15 दिसंबर को उत्तर पूर्व के इस राज्य के स्पीकर और सीएम को हटा दिया था। तत्कालीन स्पीकर नबम रेबिया इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए और गवर्नर के इस आदेश को राजनीति से प्रेरित बताया। उनकी याचिका में कहा गया कि गवर्नर केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने गवर्नर के इस आदेश को सही माना और राज्य में प्रेसिडेंट रूल लगा दिया।
कई महीनों के राजनीतिक संकट के बाद अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के सहयोग से कांग्रेस के बागी नेता कलिखो पुल राज्य के सीएम बने थे। कलिखो पुल को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों का समर्थन और बाहर से 11 बीजेपी विधायकों और दो निर्दलीयों का समर्थन हासिल था। राज्य में विधानसभा की 60 सीटें हैं।पिछले साल शुरू हुआ राजनीतिक संकट
संवैधानिक संकट की शुरुआत पिछले साल तब हुई जब 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में तब की कांग्रेस सरकार के 47 विधायकों में से 21 (इनमें दो निर्दलीय) विधायकों ने अपनी ही पार्टी और सीएम के खिलाफ बगावत कर दी। मामला सीएम नबम तुकी और उनके प्रतिद्वंदी कलिखो पुल के बीच था। पुल चाहते थे कि तुकी की जगह उन्हें राज्य का सीएम बनाया जाए। राजनीतिक उठापटक और संवैधानिक संकट के कारण राज्य में इस साल 26 जनवरी को प्रेसिडेंट रूल लागू किया गया।
नबाम तुकी ने जताई खुशी
कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व सीएम नबाम तुकी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है। तुकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र को बचाया है। सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है। अब वे राज्य में कांग्रेस के 47 विधायकों से बातचीत करेंगे। इसके बाद आगे के नीति पर विचार किया जाएगा।