सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भीख मांगने से बेहतर महिला डांस बार में काम कर ले

Update: 2016-04-25 10:00 GMT

नई दिल्ली: मुंबई में डांस बार मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर भीख मांगने से अच्छा है कि महिलाएं स्टेज पर डांस कर अपना जीवन-यापन करें। कोर्ट ने कहा कि आप ये नहीं कह सकते कि डांस नहीं होगा। रेगुलेशन और प्रतिबंध लगाने में फर्क होता है।

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की बेंच ने कहा की किसी न किसी बहाने से महाराष्ट्र सरकार डांस बार पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश न करे। डांस बार में काम करके अगर कोई महिला पैसे कमाती है तो ये उसका संवैधानिक हक है।

राज्य सरकार को दिए निर्देश

महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि डांस बार के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कर एक हफ्ते में बार के लाइसेंस दें। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि स्कूल-कॉलेज से एक किलोमीटर के दायरे में डांस बार का लाइसेंस न दिए जाने की शर्त को हटाया जाए। इस पर सरकार ने कहा कि हम शर्तों में बदलाव करेंगे।

कोर्ट ने पूछे सवाल

कोर्ट ने सवाल किया कि डांस बार के लिए अलग से स्वास्थ्य विभाग के एनओसी की क्या जरूरत है, जब होटल और रेस्टोरेंट के लिए लाइसेंस जारी हो चुका हो।

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