नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आधिकारिक तौर पर बीजेपी को झटका देते हुए एलान किया है कि उत्तराखंड में हरीश रावत ने विश्वासमत हासिल कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से फ्लोर टेस्ट का नतीजा घोषित होने के बाद केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग हुई। जिसमें राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला किया गया। इसके साथ ही हरीश रावत फिर बतौर सीएम उत्तराखंड संभालेंगे। बता दें कि मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ था। इसमें बीजेपी के पक्ष में सिर्फ 28 विधायक ही थे, जबकि हरीश रावत को 33 विधायकों का समर्थन मिला था।
ऐसे हुआ था फ्लोर टेस्ट
-हरीश रावत के पक्ष वाले विधायक एक तरफ बिठाए गए थे।
-दूसरी तरफ विपक्ष के विधायकों को बिठाया गया था।
-पहले हरीश रावत पक्ष के विधायक और फिर विपक्ष के विधायकों की गिनती हुई।
-हर एक विधायक का नाम लिखा गया कि उसने पक्ष में वोट दिया या विपक्ष में।
-पक्ष और विपक्ष के वोटों की गिनती और नाम सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए।
-सुप्रीम कोर्ट ने विश्वासमत का नतीजा सुनाया।
क्या है मामला?
-18 मार्च को विधानसभा में विनियोग विधेयक पेश हुआ था।
-बीजेपी और कांग्रेस के 9 विधायकों ने वोटिंग की मांग की थी।
-अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने वॉयस वोट करा लिया था।
-वॉयस वोट में विनियोग विधेयक पास घोषित कर दिया था।
-27 मार्च को केंद्र ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
-हरीश रावत ने पहले नैनीताल हाईकोर्ट में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ अर्जी दी थी।
-हाईकोर्ट ने रावत के पक्ष में फैसला देते हुए राष्ट्रपति शासन रद्द कर दिया था।
-सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे दे दिया था।
-केंद्र से पूछने के बाद 10 मई को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था।