#UPCivicPolls: 2nd फेज में 48.65% वोटिंग, इलाहाबाद-लखनऊ फिसड्डी
यूपी नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण का मतदान रविवार (26 नवंबर, 2017) को सुबह साढ़े सात बजे से शाम पांच बजे तक हुआ। लखनऊ समेत 25 जिलों में वोटिंग हुई।
लखनऊ : यूपी नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण का मतदान रविवार (26 नवंबर) को हुआ। इस चरण में राजधानी लखनऊ समेत 25 जिलों में कुल 48.65 फीसदी वोटिंग हुई। इलाहाबाद और लखनऊ वोटिंग प्रतिशत में सबसे फिसड्डी साबित हुए। वहीं श्रावस्ती में सबसे ज्यादा 65.80 वोट प्रतिशत रहा। 22 नवंबर को संपन्न हुए पहले चरण के मतदान में 52.77 फीसदी मतदान हुआ था।
छह नगर निगम (लखनऊ, गाजियाबाद, अलीगढ, इलाहाबाद, मथुरा, और वाराणसी) के अलावा 51 नगर पालिका परिषद और 132 नगर पंचायतों में मतदान हुआ।
निकाय चुनाव के दूसरे चरण में ग्रामीण में अधिक और शहरी इलाकों में कम मतदान हुआ। दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.के. अग्रवाल ने भी लखनऊ के साथ इलाहाबाद में बेहद कम मतदान पर चिंता व्यक्त की। अग्रवाल ने कहा कि उनको अनुमान था कि इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा।
चुनाव की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। इन जिलों की 189 नगरीय निकायों के 3,790 पदों के लिए 24,622 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
यह भी पढ़ें ... मोदी ने संसद को किया था दंडवत, मतदान केंद्र पर दिनेश शर्मा ने किया
जिलेवार वोटिंग प्रतिशत (नगर निगम चुनाव 2017)
लखनऊ : 37.57 फीसदी
इलाहाबाद : 34.20 फीसदी
गाजियाबाद : 46.90 फीसदी
अलीगढ : 51.41 फीसदी
मथुरा : 46.88 फीसदी
वाराणसी : 44.39 फीसदी
यह भी पढ़ें .... #UPCivicPolls: वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, आम से लेकर खास तक नहीं डाल सके वोट
यह भी पढ़ें ... निकाय चुनाव में अपना वोट नहीं डाला मायावती ने, जानें क्या है वजह?
क्या बोले राज्य निर्वाचन आयुक्त एस के अग्रवाल ?
-उर्दू में वोटर लिस्ट का मुद्दा 2012 में उठा था।
-यूपी नगर पालिका और नगर पंचायत अधिनियम में लिखा है कि हमारी वोटर लिस्ट देवनागरी मे बनेगी।
-अगर यह निर्णय होना है तो यह लेजिस्लेचर के लेवल पर होना है।
-वोटर लिस्ट हिंदी में या उर्दू में रहना ठीक नहीं है।
-यह लिस्ट देवनागरी लिपि में ही बनाई जाएगी, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।
यह भी पढ़ें ... #UPCivicPolls2017 : जब योगी की मंत्री स्कूटी से पहुंचीं वोट देने, देखें Photos
-कहीं से भी ईवीएम की खराबी के सूचना आई तो उसे 25 मिनट में रिप्लेस किया गया।
-वोटर लिस्ट को 68 प्रतिशत पर लाकर खड़ा किया है, 70 से 74 प्रतिशत वोटर लिस्ट हो ही नहीं सकती।
-94.39 लाख नाम हमने बढ़ाए हैं, मैं मानता हूं लोगों के नाम कुछ छूटे जरुर होंगे।
-एक तरफ हम डिजिटल की बात करते हैं, वहीँ हम वोटर लिस्ट वेब साइट से डाउनलोड करके क्यों नहीं पर्ची प्राप्त करते।
-पूरे प्रदेश में मतदान के दौरान कोई भी हादसा नहीं हुआ और जहां कहीं भी कुछ छोटी घटना हुई है वह सब झूठ है।
-फर्जी आधार कार्ड लेकर वोट डालने की कोशिश में भदोही और बनारस में 2 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
-मैनपुरी में अफसरों से बात हुई है उनका कहना है कि फायरिंग हुई है या पटाखा है अभी हम निश्चित नही हैं।
-हम पॉलिटिकल पार्टी की तरह सिर्फ स्टेटमेंट ही नहीं, जारी करते, बल्कि हमारे पास डेटा है।
-सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है। पॉलिटिकल पार्टियां क्या कह रही हैं। इसका जवाब मेरे पास नहीं है।
यह भी पढ़ें ... यूपी निकाय चुनाव : VIDEO में देखिए गालीबाज SDM, भीड़ देख भड़क गए
यह भी पढ़ें .... यूपी निकाय चुनाव दूसरा चरण, लखनऊ में चिन्हित 68 अतिसंवेदनशील प्लस बूथ
क्यों खास था यह चुनाव ?
दूसरे चरण का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें राजधानी लखनऊ के अलावा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, इलाहाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर सहित 25 जिलों में मतदान होना है। खास बात यह है कि पहली बार लखनऊ को इस बार कोई महिला मेयर मिलेगी।
नगर निगम के 6,197 पोलिंग बूथों पर कुल 12,394 सेट ईवीएम का प्रयोग किया जा रहा है। जिनमें 195 वॉर्डों में 3298 अतिरिक्त बैलेट यूनिट का प्रयोग किया जा रहा है।
सीएम योगी ने इस बार खुद निकाय चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में ली है। इसके आलावा सभी राजनैतिक दलों ने अपने-अपने तरीके से चुनाव में पूरी ताकत लगाई है। ऐसे में इस बार का निकाय चुनाव बेहद दिलचस्प हो चला है।
जानिए क्यों खास है दूसरे चरण की वोटिंग ...
यूपी निकाय चुनाव के दूसरे चरण में कई बड़े दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसमें पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व सीएम अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं।
आगे की स्लाइड में पढ़ें किन-किन जिलों में हो रहा मतदान और पार्टियों के लिए क्यों है अहम ...
यह भी पढ़ें .... यूपी निकाय चुनाव में CM योगी क्यों कर रहे प्रचार : बता रहे हैं AAP नेता संजय सिंह
वाराणसी : वाराणसी पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। यहीं से जीत कर नरेंद्र मोदी सांसद बने और फिर पीएम की कुर्सी पर विराजमान हुए। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के कारण यह सीट जीतना बीजेपी के लिए सम्मान और चुनौती की बात है। वहीं, पीएम मोदी की प्रतिष्ठा भी इसे लेकर दांव पर है।
लखनऊ : राजधानी लखनऊ से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सांसद हैं। 20 साल से अधिक समय से राजधानी के मेयर की सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहा है। ऐसे में यह सिलसिला बनाए रखने की जिम्मेदारी अब बीजेपी के दिग्गजों पर आ गई है। यही नहीं, लखनऊ के इतिहास में भी यह पहली बार होगा, जब नवाबी नगरी को कोई महिला मेयर मिलेगी। गौरतलब है कि यूपी के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा लखनऊ के दो बार मेयर रह चुके हैं। इस लिहाज से यह चुनाव और भी दिलचस्प है। अगस्त 2014 को बीजेपी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी। बीजेपी ने लखनऊ मेयर पद के लिए सयुंक्ता भाटिया को टिकट दिया।
रामपुर : यह समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है। ऐसे में बीजेपी को यहां से जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती है तो वहीं यहाँ से आजम खान की प्रतिष्ठा भी दांव पर है
इटावा/मैनपुरी : इटावा और मैनपुरी समाजवादी पार्टी परिवार का गढ़ माना जाता है। यहां की नगर पालिका परिषद पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव व उनके पिता मुलायम सिंह यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। यहां से बीजेपी जीत हासिल कर सपा के किले को धराशायी करना चाहेगी।
इलाहाबाद : इलाहाबाद पर मेयर प्रत्याशी का चुनाव भी काफी अहम है। यहां से यूपी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' की पत्नी अभिलाषा गुप्ता प्रत्याशी हैं। अभिलाषा यहां से वर्तमान मेयर भी हैं। इलाहाबाद बीजेपी के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का भी यह गृह जनपद है। ऐसे में यहां भी बीजेपी को जीत दिलाना इन दिग्गज नेताओं के लिए एक चुनौती है। प्रदेश सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की भी प्रतिष्ठा इलाहाबाद में दांव पर है। रीता इलाहाबाद की मेयर रह चुकी हैं।
बहराइच : यहां से यूपी सरकार में मंत्री अनुपमा जायसवाल विधायक हैं। इस क्षेत्र से पिछले चुनावों में सपा और बसपा का ही बोलबाला रहा है। ऐसे में निकाय चुनाव में दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों को हराकर बीजेपी को जीत दिलाना मंत्री के लिए चुनौती है।
अलीगढ़ : यह यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का गृह जनपद है यहां से उनकी और उनके बेटे संदीप सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। कल्याण सिंह वर्तमान में राजस्थान के गवर्नर और उनके बेटे संदीप सिंह योगी सरकार में मंत्री हैं। निकाय चुनावों में सफलता उनके लिए साख की बात है।
यह भी पढ़ें .... निकाय चुनाव : सपा-बसपा मुखिया प्रचार से गायब, भाजपा-कांग्रेस ने झोंकी ताकत
कुल नगरीय निकाय : 189
कुल वॉर्ड : 3,601
मतदान केंद्रों की संख्या : 4,063
मतदान स्थलों की संख्या : 1.29 करोड़
पुरुष मतदाताओं की संख्या : 53.67%
महिला मतदाताओं की संख्या : 46.23%
पोलिंग कर्मियों की संख्या : 61,484
मेयर :
पदों की संख्या : 06
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या : 83
चुनाव लड़ने वाले अधिकतम प्रत्याशियों की संख्या : 24
पार्षद :
पदों की संख्या : 520
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या : 4,344
चुनाव लड़ने वाले अधिकतम प्रत्याशियों की संख्या : 29
इलाहाबाद में मेयर पद पर अधिकतम 24 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
वहीं इलाहाबाद के नगर निगम वॉर्ड नं. 26 फाफामऊ में पार्षद पद के लिए अधिकतम 29 प्रत्याशी हैं।
अध्यक्ष नगर पालिका परिषद :
पदों की संख्या : 51
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या : 638
चुनाव लड़ने वाले अधिकतम प्रत्याशियों की संख्या : 26
सदस्य नगर पालिका परिषद :
पदों की संख्या : 1,439
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या : 9,632
चुनाव लड़ने वाले अधिकतम प्रत्याशियों की संख्या : 21
गाजियाबाद के नगर पालिका परिषद लोनी के वॉर्ड संख्या 38 के राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव नहीं हो रहा है।
बांदा में अतर्रा नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष नगर पालिका परिषद् पद पर अधिकतम 26 प्रत्याशी हैं।
मुजफ्फरनगर के मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद के वॉर्ड संख्या 18 लद्धावाला प्रथम और शाहजहांपुर के तिलहर नगर पालिका परिषद के वॉर्ड संख्या 12 भक्सी में सदस्य नगर पालिका परिषद् के पद पर अधिकतम 21 प्रत्याशी हैं।
मैनपुरी के भोगांव नगर पंचायत में अध्यक्ष नगर पंचायत पद पर अधिकतम 27 प्रत्याशी हैं।
शाहजहांपुर के खुटार नगर पंचायत के वॉर्ड संख्या 03 देवस्थान और संतकबीर नगर के मेहदावल नगर पंचायत के वॉर्ड संख्या 12 रुईहट्टा में सदस्य नगर पंचायत के पद पर अधिकतम 17 प्रत्याशी हैं ।
यह भी पढ़ें .... क्या निकाय चुनाव में राजघराने की ये बहू गाड़ेगी अपना झंडा?
अध्यक्ष नगर पंचायत
पदों की संख्या : 132
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या : 1,387
चुनाव लड़ने वाले अधिकतम प्रत्याशियों की संख्या : 27
सदस्य नगर पंचायत
पदों की संख्या : 1,641
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या : 8,554
चुनाव लड़ने वाले अधिकतम प्रत्याशियों की संख्या : 17
पार्षद नगर निगम के निर्विरोध प्रत्याशियों की संख्या : 01
(मथुरा नगर निगम के वॉर्ड नं. 64)
सदस्य नगर पालिका परिषद् के निर्विरोध प्रत्याशियों की संख्या : 06
सदस्य नगर पंचायत के निर्विरोध प्रत्याशियों की संख्या : 12
यह भी पढ़ें .... निकाय चुनाव : भाजपा को वाक ओवर, कांग्रेस-बसपा निष्क्रिय सपा उदासीन
जोनल मजिस्ट्रेटों की संख्या : 354
सेक्टर मजिस्ट्रेटों की संख्या : 973
रिटर्निंग ऑफिसर चेयरमैन पद हेतु : 189
सहायक रिटर्निंग ऑफिसर : 1,204
वेबकास्टिंग हेतु अतिसंवेदनशील HS+ बूथों की संख्या : 1,204
सेंट्रल पैरामिलिट्री फॉर : 40 कंपनी
पीएसी बल : 91 कंपनी
सिविल पुलिस :
इंस्पेक्टर : 476
सब इंस्पेक्टर : 8,579
हेड कॉन्स्टेबल : 4,739
कॉन्स्टेबल : 43,819
होमगार्ड्स : 20,468
अगली स्लाइड में जानिए किन जिलों में होना है दूसरे चरण में मतदान
इन जिलों हुआ मतदान
01. लखनऊ
02. वाराणसी
03. इलाहाबाद
04. गाजियाबाद
05. गौतमबुद्धनगर
06. मुजफ्फरनगर
07. रामपुर
08. अमरोहा
09. पीलीभीत
10. शाहजहांपुर
11. अलीगढ़
12. मथुरा
13. मैनपुरी
14. फर्रुखाबाद
15. इटावा
16. ललितपुर
17. बांदा
18. सुलतानपुर
19. अम्बेडकरनगर
20. बहराइच
21. श्रावस्ती
22. संतकबीर नगर
23. देवरिया
24. बलिया
25. भदोही
आगे की स्लाइड्स में देखिए फोटोज