इलाहाबाद: 4010 सब इंस्पेक्टर की भर्ती के मामले में सामान्य सीटों पर चयनित महिला और विशेष वर्ग के अभ्यर्थी बाहर होंगे। हाईकोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को सामान्य से हटाकर उनके संवर्ग में समायोजित करने का निर्देश दिया है। प्रदेश सरकार और अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपील को खारिज करते हुए जस्टिस वीके शुक्ला और जस्टिस यूसी श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
इससे पहले सिंगल बेंच ने सामान्य की सीटों पर क्षैतिज आरक्षण (होरिजोंटल रिजर्वेशन) के तहत महिला और एक्स सर्विस मैन को नियुक्ति देने को गलत करार दिया था। इसके खिलाफ विशेष अपील दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
यह भी पढ़े...HC ने कहा- पार्क में जॉगिंग करना है तो स्पोर्टस शूज पहनकर आइए
क्या है पूरा मामला
अपील के पक्ष और विपक्ष के वकील अनूप त्रिवेदी, पीएसपटवलिया, पीके सिंह आदि ने पक्ष रखा। 4010 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती का परिणाम 16 मार्च 2016 को जारी किया गया था। कुछ अभ्यर्थियों द्वारा व्हाइटनर का प्रयोग करने के कारण मामला कोर्ट में पहुंच गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर व्हाइटनर लगाने वाले 410 अभ्यर्थियों को बाहर कर नए सिरे से परिणाम जारी किया गया। इसके बाद मामला फिर से यह कहते हुए कोर्ट पहुंच गया कि क्षैतिज आरक्षण के तहत 173 पिछड़ा वर्ग और 10 अनुसूचित जाति की महिला अभ्यर्थियों को सामान्य की सीटों पर नियुक्ति दी गई। जबकि उनको उनके संवर्ग ओबीसी या एससी में ही आरक्षण देना था।
यह भी पढ़ें...AIIMS : टेक्निशियन और LDC पदों पर नियुक्तियां, 13 अगस्त तक करें आवेदन
कोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस सुनीत कुमार ने याचिका स्वीकार करते हुए सामान्य की सीटों पर दी गई नियुक्ति रद्द कर दी और क्षैतिज आरक्षण का लाभ संबंधित संवर्ग में ही देने का निर्देश दिया। इसी प्रकार से एक्स सर्विसमैन और बीएसएफ अभ्यर्थियों को भी उनके संवर्ग के तहत ही आरक्षण देने का निर्देश दिया। विशेष अपील में इसे चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने अपील खारिज कर दी, लेकिन एकल पीठ ने अधिकारियों पर की गई टिप्पणी को रद्द कर दिया।
यह भी पढ़ें...काउंसिलिंग खत्म, NIT में 1500 और IIT में 73 सीटें अब भी खाली
सहायक अध्यापक भर्ती: खाली पदों पर मेरिट से नीचे के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार का आदेश
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में ज्वाइन न करने के कारण खाली पदों पर कट ऑफ मेरिट से नीचे के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया है। याची का कहना है कि कुशीनगर में आठ चयनित अभ्यर्थियों ने उर्दू टीचर पद पर ज्वाइन करने के कारण सामान्य सहायक अध्यापक पद पर ज्वाइन करने से इनकार करते हुए बीएसए को पत्र लिखा है। इन खाली पदों पर मेरिट में नीचे होने के कारण यचियों की नियुक्ति पर विचार किया जाए। कोर्ट ने कुशीनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को खाली रह गए पदों पर मेरिट में नीचे के याचियों की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने मनोज कुमार सिंह और तीन अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने बीएसए को इस मामले में तीन माह में निर्णय लेने को आदेश दिया है। याची के अधिवक्ता राघवेंद्र सरन तिवारी का कहना है कि कुशीनगर के सहायक अध्यापक पद पर चयनित 8 अभ्यर्थियों ने बीएसए को पत्र लिखकर ज्वाइन करने से इनकार किया है।
इसके बावजूद चयन व नियुक्ति सूची में उन्हीं का नाम दिखाया जा रहा है। इसी प्रकार कई लोगों के ज्वाइन न करने के कारण पद खाली रह गए हैं। ऐसे में कट ऑफ मेरिट में नीचे के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार किया जाए। इस पर कोर्ट ने बीएसए को तीन माह के भीतर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।