जौनपुर जिला जेल में अविवाहित महिला कैदी बनी मां, जेल प्रशासन में खलबली

Update: 2016-07-12 11:00 GMT

जौनपुर : जिला जेल में बंद एक अविवाहित युवती के मां बनने की खबर है। इस खबर के सामने आते ही जेल प्रशासन में खलबली मच गई है। अब इस मामले को लेकर सभी पल्ला झाड़ने में जुटे हैं। फिलहाल इस मामले की जांच के बाद डीआइजी, जेल ने जेल प्रशासन को क्लीनचिट दे दी है। दूसरी तरफ जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं।

क्या है मामला ?

-हत्या के मामले में जौनपुर जिला जेल में बीते आठ माह से एक अविवाहित युवती बंद है।

-सोमवार को उसने बेटे को जन्म दिया।

-इस मामले की जांच कर रहे डीआइजी जेल ने जेल प्रशासन को क्लीन चिट दे दी है।

-मामले की एक और जांच सिटी मजिस्ट्रेट से भी कराई जा रही है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है।

ऐसे आया मामला सामने

-जौनपुर के मीरगंज क्षेत्र की रहने वाली इस अविवाहित युवती को हत्या के एक मामले में 2 नवंबर 2015 को जेल भेजा गया था।

-कुछ दिनों पहले ही पता चला कि वह गर्भवती है।

-इस सूचना के बाद से ही जेल में खलबली मच गई।

-युवती को एक से पांच जुलाई तक कई बार जिला महिला अस्पताल भेजकर मेडिकल जांच कराया गया।

-जांच में यह भी देखा गया कि युवती की शारीरिक स्थिति कैसी है।

-15 जुलाई की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया कि युवती को 34 सप्ताह का गर्भ था।

डीआइजी ने की जांच

-इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआइजी जेल संतोष श्रीवास्तव ने भी जिला जेल पहुंचकर जांच की।

-अस्पताल पहुंचकर जच्चा-बच्चा का हाल जाना।

-चिकित्सकों और प्रसूता की मां से बात करने के बाद डीआईजी ने बताया कि शिशु का जन्म पूरे 9 माह पर हुआ है।

-ज्ञात हो कि महिला बंदी दो अक्टूबर 2015 को पंवारा थाना के चितांव गांव में हुई एक हत्या मामले में जेल में बंद है।

-महिला कैदी के गर्भवती होने की बात सामने आने पर जेल मंत्री रामूवालिया ने डीआईजी जेल को जांच सौंपी थी।

-बताया जाता है कि जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय छुट्टी पर चले गए हैं।

जेल आने पर नहीं थी गर्भवती

-बीते साल 15 नवंबर को इस महिला कैदी को जिला जेल भेजा गया था।

-जेल लाने से पहले जिला अस्पताल में कैदी की डॉक्टरी जांच कराई गई थी।

-जेल में आने के बाद जेल प्रशासन ने युवती की शारीरिक जांच कराई।

-इस दौरान उसके गर्भवती होने की कोई आशंका जाहिर नहीं की गई।

-जेल में रूटीन चेकअप के दौरान युवती ने जांच कराने से इंकार किया तो उसे आसानी से छूट दे दी गई।

दूसरी जांच रिपोर्ट में सच आएगा सामने

-कारागार में अविवाहित युवती के गर्भवती मामले की जांच दो अलग-अलग टीमें कर रही हैं।

-एक तो खुद डीआइजी जेल कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने एक तरह से जेल प्रशासन को क्लीन चिट दे दी।

-वहीं दूसरी तरफ, जिला प्रशासन की ओर से जांच कर रहे सिटी मजिस्ट्रेट अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।

-इस मामले में जिले के आला अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

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