गोरखपुर: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न कस्बों में हिंदुओं के हो रहे पलायन का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में उठा। शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए गोरखपुर से बीजेपी एमपी महंत योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से कहा कि पूरे यूपी खासकर पश्चिमी यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो चुकी है। पश्चिमी यूपी में हिंदू पलायन को मजबूर हैं। वहां कश्मीर घाटी जैसे हालत हो गए हैं।
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लोकसभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा
यूपी में अराजकता, अव्यवस्था, गुंडागर्दी इस कदर बिगड़ चुकी है कि लोगों का जीना मुहाल हो गया है। एक वर्ग विशेष से जुड़े हुए आपराधिक तत्व और पेशेवर माफियों ने सत्ता के संरक्षण में न केवल गुंडागर्दी की हद पार कर दी है, बल्कि जबरन धमकी देना, हिंदुओं की जमीनों पर कब्जा करना, हिंदू मां-बहनो के साथ छेड़खानी करना और किडनैपिंग और मार-पीट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है।
यूपी के शामली जिले के कैराना, कांधला हो या अलीगढ़ का बाबरी मंडी, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, बरेली, रामपुर, आगरा आदि जिलों के विभिन्न कस्बों में एक जैसी स्थिति है। पेशेवर अपराधी और माफिया यदि एक वर्ग विशेष से जुड़े हैं तो स्थानीय प्रशासन उत्तर प्रदेश शासन के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं करती है।
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विभिन्न कस्बों में हो रहा पलायन इसी प्रशासनिक अकर्मण्यता, सुरक्षा की गारंटी देने में असफल हुए प्रशासन और माफियाओं को शासन की तरफ से मिल रहा संरक्षण की ही परिणति है। इन आपराधिक और माफिया प्रवृत्ति के तत्वों के संबंध न केवल यूपी सरकार में बैठे हुए मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों से हैं बल्कि इनकी गतिविधियों के तार राष्ट्रविरोधी तत्वों से भी जुड़े हुए हैं।
यूपी सरकार सुरक्षा का माहौल बनाने में पूरी तरह विफल है। संपूर्ण पश्चिमी यूपी की स्थिति 1980-90 के दशक के कश्मीर घाटी जैसी बन रही है। जहां पर 1980 से 1990 के दशक में मारपीट, छेड़छाड़ और आपराधिक घटनाओं की अनदेखी का दुष्परिणाम रहा कि साल 1990 में कश्मीर घाटी से हिंदुओं का व्यापक नरसंहार हुआ और सामूहिक पलायन के लिए हिंदुओं को मजबूर होना पड़ा।
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पश्चिमी यूपी के पलायन को मात्र कानून व्यवस्था की दृष्टि से न देखा जाए बल्कि इसके पीछे गंभीर अंतर्राष्ट्रीय साजिश है। जनसांख्यिकी असंतुलन इन क्षेत्रों में स्पष्ट देखा जा सकता है। मेरा भारत सरकार से अनुरोध है कि पश्चिमी यूपी के पलायन को गंभीरता से लें।
जनसांख्यिकी असन्तुलन के कारण जो नासूर पश्चिमी यूपी में फैल रहा है समय रहते इसके उपचार की आवश्यकता है। इससे पहले कि यह कैंसर बने सख्ती के साथ न केवल आपराधिक और माफिया प्रवृत्ति के तत्वों को रोकने की आवश्यकता है, साथ ही इन आपराधिक और माफिया प्रवृत्ति के तत्वों की अंतर्राष्ट्रीय तत्वों से संबंधों की जांच और इनको मिल रहे राजनीतिक संरक्षण की जांच भी आवश्यक है।