Sex Myths: 10 ऐसे सेक्स मिथक, जिन पर कभी ना करें आप विश्वास
Sex Myths : सेक्स से जुड़े अक्सर कई मिथक सुनने को मिलते हैं।जिन पर आपको यकीन करना छोड़ देना चाहिए।दरअसल सेक्स हमारे जीवन की वह अच्छी चीज़ है, जिसके साथ ढेर सारे मिथक जुड़े हुए हैं।
Sex Myths : सेक्स से जुड़े अक्सर कई मिथक सुनने को मिलते हैं। जिन पर आपको यकीन करना छोड़ देना चाहिए। दरअसल सेक्स हमारे जीवन की वह अच्छी चीज़ है, जिसके साथ ढेर सारे मिथक जुड़े हुए हैं। हालांकि कई लोग सेक्स से जुड़े मिथक को सच मान बैठते हैं, जो अधिक दिक्कतें पैदा करती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं 10 ऐसे सेक्स मिथक जिन पर आपको विश्वास करना छोड़ देना चाहिए
पहली बार सेक्स करने से हाइमन टूट जाता है
पहली बार सेक्स करते हैं तो हाइमन टूट जाता है, जिससे दर्द और रक्तस्राव होता है ऐसा कई लोगों का सोचना है। जो बिल्कुल भी सच नहीं है। पहली बार सेक्स करने से कुछ महिलाओं का हाइमन बरकरार रहता है। ऐसा जरुरी नहीं है कि पहली बार सेक्स करने से ही हाइमन टूटता है बल्कि हाइमन के टूटने के पीछे साइकिलिंग, हॉर्स राइडिंग या तेज एक्सरसाइज भी हो सकता है। इसलिए इस गलतफहमी से दूर रहना चाहिए कि सेक्स करने से ही हाइमन टूटता है।
एसटीआई के लक्षण
एसटीआई के लक्षण सिर्फ दाद, दर्द, लाल धक्के नहीं होते बल्कि और भी कारण हो सकते हैं। ऐसे में अधिकांश लोग बस इन संक्रमणों के बारे में सोचते हैं। लेकिन क्लैमाइडिया, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी), और दाद आदि के लक्षण महिलाओं में नहीं दिखते हैं। एसटीआई के लिए नियमित रूप से परीक्षण करना और कंडोम का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
ज्यादा सेक्स से योनि होगी खराब
ज्यादा सेक्स करने से योनि खराब हो सकती है यह भी एक मिथक है। दरअसल इसमें कोई सच्चाई नहीं है। ज्यादा सेक्स करने से आपकी योनि ढीली नहीं पड़ती और ना ही खराब होती है। असल में योनि लोचदार और सुंदर है। जब महिलाएं उत्तेजित होती हैं, तो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं और जब ऐसा नहीं होता है, तो उनमें फिर से कसाव आ जाता है। ऐसे में योनि खराब होने के मिथक से दूर रहें।
साइज रखता है महत्व
भारतीय पुरूषों के लिंग का साइज 5 से 6 इंच का होता है और औसत योनि लगभग तीन से चार इंच की होती है। ऐसे में अच्छी तरह से सेक्स लाइफ का आनंद उठाने के लिए लिंग का साइज महत्व नहीं रखता।
सिर्फ पुरुष ही देखते हैं पोर्न
इस मिथक से भी दूर रहें है कि पोर्न सिर्फ पुरुष ही देखते हैं। दरअसल एक सर्वे के अनुसार बड़े शहरों में 20% तक महिलाएं पोर्न देख रही हैं। सर्वे में 71% महिलाओं ने पोर्न देखने की बात पर सहमति जताई थी।
निकासी जन्म नियंत्रण या कंडोम ही मात्रा विकल्प
पुल आउट विधि बहुत आकर्षक है। हालांकि, इससे जुड़े जोखिमों को जानना महत्वपूर्ण है। बता दे कि निकासी केवल 78% प्रभावी है जबकि हार्मोनल जन्म नियंत्रण 90% से अधिक हैं और कंडोम 85% प्रभावी हैं। गर्भनिरोधक इंजेक्शन या गर्भनिरोधक गोलियां भी प्रभावी है। ऐसे में इस मिथक में ना रहें कि निकासी जन्म नियंत्रण या कंडोम ही मात्रा विकल्प है।
पीरियड सेक्स सेफ
कुछ लोग पीरियड के समय सेक्स करना सेफ मानते हैं। दरअसल बहुत सारे लोग इस चीज़ को मानते हैं, कि पीरियड्स के दौरान अन प्रोटेक्टेड सेक्स सेफ है। स्पर्म एक महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम में पांच दिनों से अधिक समय तक रहता है। यदि महिला पीरियड्स के ठीक बाद ओव्यूलेट करना शुरू कर देती है तो प्रेगनेंसी होने की संभावना होती है।
वाइब्रेटर सेक्स को बर्बाद करते हैं
सप्ताह में कुछ बार आपके वाइब्रेटर का उपयोग करना आपको निराश करने वाला नहीं है। इस मिथक में ना रहें कि वाइब्रेटर सेक्स को बर्बाद करते हैं।
बुढ़ापा में फिजिकल इंटिमेसी की नीड कम
कई लोग इस फैक्ट को स्वीकार नहीं कर पाते कि बूढ़े पुरुष और महिलाएं भी सेक्स कर सकते हैं। बहुत से लोग मानते हैं, कि ओल्ड ऐज के साथ, फिजिकल इंटिमेसी की नीड कम हो जाती है। हालांकि इस मिथक में भी ना रहें क्योंकि बूढ़े लोगों के लिए डिजायर होना, पूरी तरह से नार्मल है।
मास्टरबेशन अच्छा नहीं
दरअसल कुछ लोगों का मानना है कि मास्टरबेशन एक आदमी को अंधा बना सकता है, महिलाओं में सेक्स डिसफंक्शन या रेगुलर मास्टरबेशन करना डिसफंक्शन का एक कारण होता है। हालाँकि, ऐसा कुछ भी सच नहीं है। यह भी एक मिथक ही हैं, जिससे दूर रहना चाहिए।