Steve Jobs Letter On Kumbh: कुंभ मेले पर लिखे स्टीव जॉब्स के पत्र की लगी करोंड़ों में बोली

Steve Jobs Letter On Maha Kumbh: स्टीव जॉब्स द्वारा साल 1974 में लिखा गया एक हस्तलिखित पत्र सुर्खियां बटोर रहा है, जिसमें उन्होंने कुंभ मेले के लिए भारत आने की योजना के बारे में लिखा था। यह पत्र करोड़ों की कीमत में नीलाम हुआ है।;

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2025-01-27 21:45 IST

Steve Jobs (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Steve Jobs Maha Kumbh Letter Bidding: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ (Maha Kumbh) में संत महात्माओं का विशाल हुजूम आस्था का प्रतीक बना हुआ है। वहीं 27 को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) की खास बेला पर गंगा स्नान के लिए यहां हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालु आने की तैयारी में हैं। इसी महाकुंभ में एक ऐसे भी संत हैं, जिनसे मिलने के लिए इस समय लोगों के बीच खास उत्साह बना हुआ है। लोग ऐसे ही इनके पास नहीं उमड़ रहे हैं, बल्कि इसलिए भी उमड़ रहे हैं कि वह एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स (Laurene Powell Jobs) के गुरू हैं और कुछ समय पहले तक लॉरेन उनके महाकुंभ स्थित कैंप में ठहरी हुई थीं।

अपने गुरू के प्रभाव और आध्यात्मिक रुझान की वजह से लॉरेन ने अपने गुरू का ना केवल गोत्र ग्रहण किया, बल्कि अपना नामकरण भी सनातन धर्म के मुताबिक कराया है। ऐपल कंपनी के सह-संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में भाग लेने के लिए यहां पहुंची थीं।

महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी (Mahamandaleshwar Kailashanand Giri) के शिष्यों की देश विदेश में लंबी कतार है। स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन भी उनके शिष्यों में से एक हैं। कैलाशानंद गिरी ने भी इस संबंध में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लॉरेन बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महिला हैं। वह सनातन की परंपरा को जानना और समझना चहती हैं। उन्हें सनातन पर भरोसा है।

इसी बीच जॉब्स द्वारा साल 1974 में लिखा गया एक हस्तलिखित पत्र सुर्खियां बटोर रहा है, जिसमें उन्होंने कुंभ मेले के लिए भारत आने की योजना के बारे में लिखा था। दिवंगत स्टीव जॉब्स का लिखा यह पत्र हाल ही में एक नीलामी के दौरान 5,00,312 डॉलर (लगभग 4.32 करोड़ रुपये) में नीलामी में बिका है।

कुंभ आने की इच्छा रखते थे स्टीव जॉब्स

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नीलामी के लिए पेश किए गए पत्र में स्टीव जॉब्स ने कुंभ मेले को लेकर लिखा है, “मैं अब लॉस गैटोस और सांता क्रूज के बीच पहाड़ों में एक खेत में रह रहा हूं। मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं, जो अप्रैल में शुरू होता है। मैं मार्च में किसी समय जाऊंगा, हालांकि मैं अभी तक इसको लेकर वास्तव में निश्चित नहीं हूं।“ जॉब्स ने पत्र के अंत में “शांति, स्टीव जॉब्स“ लिखा था।

नीम करोली बाबा थे जॉब्स के आध्यात्मिक गुरु

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग के आध्यात्मिक गुरु नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) हैं। नीम करोली जगह नैनीताल (Nainital) से 25 किलोमीटर आगे है, जिसे नीम करोली बाबा धाम (Neem Karoli Baba Dham) के नाम से जाना जाता है। जहां पर कम्बल का प्रसाद चढ़ता है। अभी भी मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) प्रत्येक वर्ष नीम करोली बाबा धाम पर आते हैं,और वहां पर कम्बल का प्रसाद चढ़ाकर बाबा से आशीर्वाद लेकर जाते हैं।

स्टीव जॉब्स इस पत्र को लिखने के बाद जॉब्स उत्तराखंड में स्थित नीम करोली बाबा के आश्रम गए थे, लेकिन नैनीताल पहुंचने पर उन्हें पता चला कि नीम करोली बाबा की पिछले साल यानी 1973 में मृत्यु हो गई थी।

इसके बाद वह कैंची धाम में आश्रम में रहे और नीम करोली बाबा की शिक्षाओं से सांत्वना प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने भारत में 7 महीने बिताए और खुद को पूरी तरह से यहां की संस्कृति और आध्यात्मिकता में डुबो दिया। सन् 2003 में उन्हे पैनक्रियाटिक कैन्सर की बीमारी हुई। उन्होने इस बीमारी का इलाज ठीक से नहीं करवाया। जॉब्स की 5 अक्टूबर 2011 को 3 बजे के आसपास पालो अल्टो, कैलिफोर्निया के घर में निधन हो गया।

स्टीव जॉब्स ने कहा था कि आज अंधेरे में मैं लाइफ सर्पोटिंग मशीन की ग्रीन लाइट देख रहा हूं, भगवान को महसूस कर रहा हूं, मुझे मौत भी पास आती नजर आ रही है। अपनी लाइफ के एक्सपीरिंयस से यही कहना चाहता हूं कि जब आप आखिरी समय के लिए पर्याप्त पैसा कमा लें तो आपको अपने रिश्तों पर ध्यान देना चाहिए।

लंदन के इस नीलामी घर द्वारा नीलाम हुआ जॉब्स का लिखा पत्र

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

जॉब्स द्वारा कुंभ पर लिखे गए पत्र को लंदन के नीलामी घर बोनहम्स ने ऑनलाइन नीलाम किया है। बोनहम्स ने बताया कि जॉब्स के 19वें जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले पोस्टमार्क किया गया यह पत्र उनके बचपन के दोस्त टिम ब्राउन के नाम था, जिसमें जॉब्स ने जैन बौद्ध धर्म के बारे में बात करने के साथ कुंभ मेले के लिए भारत आने की इच्छा साझा जाहिर की थी।

पत्नी लॉरेन ने जॉब्स की अधूरी इच्छा को पूरा करने का किया वादा

इस बार महाकुंभ में जॉब्स की पत्नी लॉरेन ने संगम घाट पर अपनी मौजूदगी दर्ज कर अपने पति की एक पुरानी इच्छा को पूरा किया, लेकिन वह इस भव्य आयोजन के पहले अमृत स्नान पर डुबकी नहीं लगा पाई।

इसका कारण रहा कि वह एलर्जी के कारण अस्वस्थ हो गई हैं और अपने शिविर में कुछ दिन आराम करके वापस चली गईं। उनके गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि वह 29 जनवरी तक होने वाले अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में जॉब्स की पत्नी लॉरेन हिस्सा लेने के लिए वापस भारत आएंगी।

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