Arvind Kejriwal Lifestyle: साधारण सा जीवन जीने वाले राजस्व सेवा अधिकारी अरविंद केजरीवाल, कैसे बने दिल्ली के मुख्यमंत्री
Arvind Kejriwal Personal Life: आज भले ही अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वो अपने माता पिता के साथ एक छोटे से क्वाटर में रहते थे।
Arvind Kejrewal Lifestyle: हरियाणा के एक छोटे से शहर से आये आईआईटी से स्नातक अरविन्द केजरीवाल ने शायद अपने जीवन में कभी दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने की कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन आज ये उनके जीवन की सबसे बड़ी हकीकत है। साल 2013 में पहली बार उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला और इसके बाद से अभी तक दिल्ली की जनता ने उन्हें इस पद पर बरकरार रखा हुआ है। वहीँ उनके राजनैतिक जीवन में इस दौरान कई उतार चढाव आते रहे कभी उनकी ही पार्टी के कुछ लोगों ने उनपर कई सारे आरोप लगाए। वहीँ उनके खिलाफ अभी तक ईडी ने छठी बार समन जारी किया है। जिसके बाद एक बार फिर वो सुर्ख़ियों में हैं। आइये जानते हैं अरविन्द केजरीवाल के राजनैतिक करियर के बारे में।
कैसे बने अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री
हरियाणा के हिसार में बारा मोहल्ले के अरविन्द आज एक पहचान बना चुकें हैं। उनकी माता का नाम गीता देवी और पिता का नाम गोविंद राम था। वो इनकी पहली संतान थे। अरविन्द का जन्म 16 अगस्त 1968 को जन्माष्टमी पर हुआ था। उनके दादा-दादी उन्हें कृष्ण कहा करते थे। अब, 55 साल बाद, दुनिया उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री और अब तक अकल्पनीय राजनीतिक क्रांति के वास्तुकार अरविंद केजरीवाल के रूप में जानती है।
केजरीवाल हिसार के बाहरी इलाके में जिंदल स्ट्रिप्स के कर्मचारियों के लिए बनी एक कॉलोनी में रहते थे जहाँ उनके पिता एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में काम करते थे। उनका घर एक साधारण, अव्यवस्थित क्वार्टर था। उस समय परिवार के पास एकमात्र वाहन स्कूटर था।
अरविन्द केजरीवाल की शिक्षा
अरविन्द पढ़ाई में काफी अच्छे थे और हमेशा अव्वल आया करते थे। वो बचपन से ही काफी शांत स्वाभाव के थे अक्सर कक्षा में चुपचाप बैठे पाए जाते थे, वह बाहर घूमने-फिरने में रुचि नहीं रखते थे, क्रिकेट और फुटबॉल की अपेक्षा शतरंज और किताबों को प्राथमिकता देते थे। हालाँकि, उन्हें स्केचिंग करना काफी पसंद था। उन्होंने छोटी उम्र में कई उम्दा चित्रकारी भी की। वो जो भी अपने आस पास देखते उसका चित्र बना दिया करते थे।
वो सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए, अपने पहले प्रयास में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के लिए चुने गए, और उन्होंने इसे एक और मौका देने का फैसला किया क्योंकि उन्हें लगा कि वह एक आईएएस अधिकारी के रूप में लोगों के लिए और अधिक करने में सक्षम होंगे। जब उन्हें अपने दूसरे प्रयास में फिर से आईआरएस मिला, तो उन्होंने इसे स्वीकार करने का फैसला किया।
1993 में मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी में अपने प्रशिक्षण के दौरान केजरीवाल की मुलाकात साथी आईआरएस अधिकारी सुनीता से हुई। नागपुर में राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी में राजस्व सेवा अधिकारियों के लिए 62-सप्ताह के प्रेरण कार्यक्रम के दौरान उन्हें बेहतर तरीके से जानने का मौका मिला। एक इंटरव्यू के दौरान अरविन्द केजरीवाल ने बताया था, "हम एक-दूसरे की प्रशंसा करते थे। वह बहुत शर्मीली हैं , बहुत सभ्य व्यक्ति है। एक दिन, मैंने उसके दरवाजे पर दस्तक दी और उससे पूछा: 'क्या तुम मुझसे शादी करोगी?' और बस इतना ही। इसके बाद नई दिल्ली में अपनी पहली पोस्टिंग मिलने से पहले 1994 में उनकी शादी हो गई थी।
अरविन्द केजरावाल का राजनैतिक करियर
केजरीवाल कहते हैं, हमें लगा कि हमारे देश में जिस तरह से राजनीति की जाती है उसे बदलने की जरूरत है। हमने जनवरी की शुरुआत की लोकपाल आंदोलन और बाद में आम आदमी पार्टी (आप) का गठन हुआ।”
23 दिसंबर को, जब उन्होंने घोषणा की कि आप दिल्ली में सरकार बनाने के लिए तैयार है, तो केजरीवाल ने अपने सहयोगियों से मिलने से पहले कुछ मिनट चिंतन किया। उन्होंने अपना ट्रेडमार्क ग्रे ट्राउजर, नेवी ब्लू स्वेटर और गले में मफलर लपेटा हुआ था। इसके बाद वो राजनिवास जाने के लिए अपने एक समर्थक द्वारा आप को दान की गई नीली वैगनआर में बैठे। उनके परिवार के पास उस समय एकमात्र कार पुरानी ऑल्टो थी जो उनकी पत्नी सुनीता के नाम पर पंजीकृत थी। उनके दो बच्चे हैं , बेटी हर्षिता और बेटा पुलकित।
उन्होंने राजनीति में कदम रखा और देश की दो सबसे बड़ी पार्टी को टक्कर दी। जो सालों में कई छोटी पार्टियां नहीं कर पाई वो उन्होंने कर दिखाया और देश की राजधानी के मुख्यमंत्री पद को हासिल किया और लगातार दो बार दिल्ली में 'आप' पार्टी की सरकार बनी इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी सरकार बनाई।
आधिकारिक सूत्रों ने बीते बुधवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नया और छठा समन जारी किया है। 55 वर्षीय नेता, जो आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, को 19 फरवरी को संघीय एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।