Best Hindi Poem: अंतहीन, ये कविता आपको जरूर पढ़नी चाहिए
Best Hindi Poem: कई बार कोशिश की पेड़ पर चढने की फिसला और गिरा भी ।
कई बार कोशिश की
पेड़ पर चढने की
फिसला और गिरा भी ।
साँप सीढ़ी का खेल खेलते
आखिर पहुँच गया कोंतडे तक
उस पेड़ के ।
उठा लाया एक गौरेया का बच्चा ।
धम्म से उतरा लिए हाथ मे
एक नया साथी ।
खुत्थी धँसी एड़ी मे
पर भूल चुका था दर्द ।
दूध पिलाना धूप दिखाना
फिर पिंजडे मे निहारना
यही क्रम था मेरा
कई दिनो तक ।
एक सुबह की नरम धूप मे
बाहर बैठी वह गौरेया
मुझे देखती और
निहारता उसे मै ।
विद्युत गति से ओझल हो गयी
एक ही वार मे
कमबख्त बिल्ली के ।
आग बरसती आंखों में
फिर पलक झपकते क्रोधित हो
खींच लाया नवजात बिल्ली भुसौरे से ।
हाथ उठा पर नहीं मार सका
प्रतिशोध मेरा
क्या गलती नौनिहाल की थी?
बहुत जल्द वह दोस्त बन गयी
जैसे की थी वह गौरेया
पर यह क्या ?
मिला मुझे
फिर वही दर्द बिल्ले के एक झपट्टे मे ।
बहुत दिनो से ढूँढ रहा हूँ
लाठी लेकर बिल्ले को
अंतहीन लपट है
ज्वालाओं की
प्रतिशोध की
और ध्वस्त होती सभ्यताओं की
डॉक्टर राजीव