Bhagavad Gita Quotes: भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं हमेशा दूसरों के कल्याण को ध्यान में रखकर अपना काम करें

Bhagavad Gita Quotes In Hindi: श्रीमद भगवत गीता में जीवन को जीने का सही रास्ता और कई महत्वपूर्ण बातें बताई गईं हैं जिन्हे आप भी अपने जीवन में अपनाकर एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं।

Update: 2024-05-29 04:30 GMT

Bhagavad Gita Quotes In Hindi (Image Credit-Social Media)

Bhagavad Gita Quotes In Hindi: आज हम आपके लिए भगवद गीता के कुछ बेहद मूल्यवान कोट्स लेकर आये हैं जो आपको जीवन के हर पड़ाव में काम आएंगे। साथ ही ये आपको जीवन के कुछ बेहद बहुमूल्य सबक भी सिखाएंगे। आइये एक नज़र डालते हैं इन कोट्स पर।

श्रीमद भगवत गीता कोट्स (Bhagavad Gita Quotes In Hindi)

अर्जुन और भगवान् श्री कृष्ण के बीच के संवाद को श्रीमद भगवत गीता में लिखा गया है। जो ज्ञान का सागर है। ये आपको सही और गलत का रास्ता दिखती है। आइये यहाँ दिए बेहद अनमोल इन विचारों पर एक नज़र डालते हैं।

1. नरक के तीन द्वार हैं – वासना, क्रोध और लालच।

2. न तो कर्म से विमुख होकर कोई कर्मफल से छुटकारा पा सकता है, और न केवल संन्यास से सिद्धि प्राप्त की जा सकती है।

3. कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है।

4. मैं जल का स्वाद हूँ, सूर्य तथा चन्द्रमा का प्रकाश हूँ, वैदिक मन्त्रों में ओंकार हूँ, आकाश में ध्वनि हूँ तथा मनुष्य में सामर्थ्य हूँ।

5. किसी दुसरे के जीवन के साथ पूर्ण रूप से जीने से बेहतर है की हम अपने स्वयं के भाग्य के अनुसार अपूर्ण जियें

6. मनुष्य अपने विश्वास से बना है,जैसा वह मानता है वैसा ही वह बन जाता है।

7 . हमेशा संदेह करने वाले के लिए न तो इस दुनिया में और न ही कहीं और कोई खुशी है।

8. एक उपहार तब पवित्र होता है जब वह दिल से सही व्यक्ति को सही समय पर और सही जगह पर दिया जाता है, और जब हम बदले में कुछ भी उम्मीद नहीं करते हैं।

9. कोई भी व्यक्ति जो अच्छा काम करता है, उसका कभी भी बुरा अंत नहीं होगा, चाहे इस काल में हो या आने वाले काल में।

10. परिवर्तन प्रकर्ति का नियम है आप एक पल में करोड़पति या कंगाल हो सकते हैं ।

11. आत्मा न तो जन्म लेती है और न ही मरती है।

12. आप यहां खाली हाथ आए हैं, और आप खाली हाथ जाएंगे, जो आज तुम्हारा है वह कल किसी और का था, और कल किसी और का होगा।

13. जो हुआ, अच्छे के लिए हुआ, जो हो रहा है, अच्छे के लिए हो रहा है, जो होगा, अच्छे के लिए होगा।

14. किसी को भी कर्तव्यों का त्याग नहीं करना चाहिए क्योंकि वह उनमें दोष देखता है। हर क्रिया, हर गतिविधि, दोषों से घिरी होती है जैसे आग धुएं से घिरी होती है।

15. हमेशा दूसरों के कल्याण को ध्यान में रखकर अपना काम करें ।

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