Bhagvat Gita Quotes:भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं

Bhagvat Gita Quotes: भगवत गीता भगवान् श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को महाभारत की रणभूमि पर दिया ज्ञान है जो हर मनुष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आइये एक नज़र डालते हैं भगवत गीता कोट्स पर।

Newstrack :  Network
Update: 2024-06-23 06:29 GMT

Bhagvad Gita Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagvat Gita Quotes: भगवत गीता जिसे गीतोपनिषद के नाम से भी जाना जाता है हिन्दुओं के सबसे महान ग्रंथों में से एक है। आज हम आपके लिए गीता के कुछ ऐसे श्लोक लेकर आये हैं जो आपको आने वाले भविष्य के लिए प्रेरित करेंगे और साथ ही आपके जीवन को खूबसूरत बनाएंगे। आइये एक नज़र डालते हैं गीता में लिखी ज्ञान की बातों पर।

  • “मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए।जैसे – विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना, सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि। जिस मानव का जो कर्तव्य है उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए।”
  • “न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो। यह शरीर 5 तत्वों से बना है – आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश। एक दिन यह शरीर इन्ही 5 तत्वों में विलीन हो जाएगा।”
  • “मनुष्य का मन इन्द्रियों के चक्रव्यूह के कारण भ्रमित रहता है। जो वासना, लालच, आलस्य जैसी बुरी आदतों से ग्रसित हो जाता है। इसलिए मनुष्य का अपने मन एवं आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए।”
  • “मैं सभी प्राणियों को एक समान रूप से देखता हूं, मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा। लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूं।”
  • “जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है उसी के अनुसार ईश्वर उसे फल देते हैं। कंस ने श्रीकृष्ण को सदैव मृत्यु के लिए स्मरण किया तो श्रीकृष्ण ने भी कंस को मृत्यु प्रदान की। अतः परमात्मा को उसी रूप में स्मरण करना चाहिए जिस रूप में मानव उन्हें पाना चाहता है।”
  • “प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।”
  • “जिंदगी में सब कुछ ख़त्म होना जैसा कुछ भी नही होता, हमेशा एक नही शुरूआत हमारा इन्तजार कर रही होती हैं।”
  • “जो अपने मन पर नियंत्रण नहीं रखता, वह स्वयं का शनै – शनै शत्रु बनता जाता है।”
  • “मोहग्रस्त होकर अपने कर्तव्य पथ से हट जाना मूर्खता है, क्योंकि इससे ना तो तुम्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी और ना ही तुम्हारी कीर्ति बढ़ेगी।”
  • “वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।”
  • “संदेह की स्याही से संबंध के पृष्ठ पर कभी शुभ अंकित नहीं होता इसलिए अपने मन के विचार और संबंधों का आधार दोनों ही शुभ रखें।”
  • “मान, अपमान, लाभ-हानि, खुश हो जाना या दुखी हो जाना यह सब मन की शरारत है।”
  • “यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते हैं, तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए।”
  • “श्री कृष्ण ने कहा है, अगर तुम्हें किसी ने दुखी किया है तो बुरा मत मानना। लोग उसी पेड़ पर पत्थर मारते है, जिस पेड़ पर ज्यादा मीठे फल होते है।”
  • “ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दिमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।”
  • “मन अशांत हो तो उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।”
  • “जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं, तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।” 
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