Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण कहते हैं अपनी गलती माने बिना आप कभी भी बेहतर इंसान नहीं बन पाओगे

Bhagwat Geeta Quotes: भगवान् श्री कृष्ण ने महाभारत काल में अर्जुन को ज्ञान दिया जो हर मनुष्य के लिए बेहद ज़रूरी ज्ञान है इसे समझना और जीवन में आत्मसात करके एक व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों को दूर कर सकता है।

Update:2024-06-29 11:15 IST

Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: आज से कई हज़ार साल पहले एक ऐसे ग्रन्थ की रचना हुई जिसने हर किसी को ज्ञान का मार्ग बताया। मनुष्य के लिए क्या सही नहीं और क्या नहीं इसका पूरा ब्यौरा श्रीमद भगवत गीता में है। आज हम आपके लिए कुछ भगवत गीता की पंक्तियाँ लेकर आये हैं जो आपको सत्मार्ग पर अग्रसर होने में मदद करेंगीं। आइये एक नज़र डालते हैं इन भगवत गीता कोट्स पर।

भगवत गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)

  • “अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव, तीनों ही समाप्त हो जाते हैं।”
  • “जिसे तुम अपना समझ कर मग्न हो रहे हो बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दुखों का कारण हैं।”
  • “अगर तुम अपना कल्याण चाहते हो, तो सभी उपदेशों, सभी धर्मों को छोड़ कर मेरी शरण में आ जाओ, मैं तुम्हें मुक्ति प्रदान करुंगा।”
  • “शांति से भी दुखों का अंत हो जाता है और शांत चित्त मनुष्य की बुद्धि शीघ्र ही स्थिर होकर परमात्मा से युक्त हो जाती है।”
  • “संतुष्ट मन इस विश्व का सबसे बड़ा धन है।”
  • “स्वार्थ संसार का एक ऐसा कुआं है जिसमें गिरकर निकल पाना बड़ा कठिन होता हैं।”
  • “अपने जीवन में कभी भी ना किसी को आनंद में वचन दे, ना क्रोध में उत्तर दे और ना ही दुख में कभी निर्णय ले।”
  • “हर किसी के अंदर अपनी ताकत और अपनी कमज़ोरी होती है। मछली जंगल में नहीं दौड़ सकती और शेर पानी में राजा नही बन सकता, इसलिए अहमियत सभी को देनी चाहिए।”
  • “कर्म किये जाओ, फल की चिंता मत करो।”
  • “हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इन्सान पहाड़ों से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है।”
  • “सेहत के लिए योग और किसी की जरूरत पर सहयोग दोनों से ही जीवन बदलता है।”
  • “अंत काल में जो मनुष्य मेरा स्मरण करते हुए, देह त्याग करता है वह मेरी शरण में आता है। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि अंत काल में मेरा चिंतन करें।”
  • “मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।”
  • “मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मों पर चलता है, जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है।”
  • “अपनी पीड़ा के लिए संसार को दोष मत दो अपने मन को समझाओ तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुखों का अंत है।”
  • “भगवान प्रत्येक वस्तु में, प्रत्येक जीव में मौजूद हैं।”
  • “हे अर्जुन !, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता।”
  • “बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।”
  • “जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।”
  • “आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना होता है।”
  • “लोग कहते हैं अपनों के आगे झुक जाना चाहिए, किंतु सच बात तो यह है जो अपने होते हैं वह कभी झुकने नहीं देते।”
  • “आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो।”
  • “जीवन में वाणी को संयम में रखना अनिवार्य है क्योंकि वाणी से दिए हुए घाव कभी भरे नहीं जा सकते।”
  • “इंसान नहीं, उसका मन किसी का दोस्त या दुश्मन होता हैं।”
  • “अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।”
  • “जीवन में समय चाहे जैसा भी हो, परिवार के साथ रहो। सुख हो तो बढ़ जाता है, और दुःख हो तो बट जाता है।”
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