Chanakya Neeti: महिलाओं में ये इच्छा पुरुषों से ज्यादा होती है प्रबल, शादी के बाद ये सब करना चाहतीं हैं वो
Chanakya Neeti: महिलाओं की इस इच्छा के बारे में आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में कुछ ऐसा भी लिखा है जिसे जानकर आप हैरान रह जायेंगे। आइये आज आपको बताते हैं ऐसा क्या लिखा है इस किताब में।
Chanakya Neeti: कहते है चाणक्य नीति पुस्तक में कई ऐसी बातें हैं जो आपको जीवन के ज्ञान से लेकर हर एक पहलू के बारे में बातएंगी। इसे भले ही संस्कृत भाषा में लिखा गया हो लेकिन इसकी लोकप्रियता के चलते इसका पहले हिंदी और फिर अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। इसमें कई ज्ञान की बातें हैं जो काफी प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य ने इसमें राजनीती, धर्म, व्यापार और धन से सम्बंधित कई सटीक बातें बताई हैं। वहीँ इसी किताब के अनुसार इसमें कुछ ऐसा भी लिखा है जिसे जानकर आप हैरान रह जायेंगे। आइये आज आपको बताते हैं ऐसा क्या लिखा है इस किताब में।
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चाणक्य ने महिलाओं की इस इच्छा को पुरुषों से ज़्यादा बताया प्रबल
आचार्य चाणक्य के ज्ञान की बातों को चाणक्य नीति पुस्तक में लिखा गया है जिसमे राजनीती, धर्म, व्यापार और धन से सम्बंधित कई बातें बताती गए हैं जिसे नीतिशास्त्र कहा जाता है। ये पुस्तक आपको कई तरह की बातें बताती है साथ ही जीवन में आगे बढ़ने और आपका मार्गदर्शन करती है। जिससे आप जीवन में सफल हो सकें। फिर चाहे आप किसी भी फ़ील्ड में आगे बढ़ें अगर आप इस पुस्तक में कही बातों के अनुसार चलते हैं तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी। इतना ही नहीं हम सभी को अपने जीवन में कई ऐसे लोग मिलते हैं जो अपनी चालाकी से हमे पीछे करने कोशिश करते हैं या धोखा देते हैं ऐसे में अगर आप इस किताब के अनुसार आगे बढ़ते हैं और इसमें लिखी बातों का पालन करते हैं तो आपको कोई धोखा नहीं दे पायेगा साथ ही आपके साथ कोई चालाकी भी नहीं कर पायेगा। इसलिए कहा जाता है कि जीवन में आगे बढ़ने और खुश रहने के लिए चाणक्य नीति को अपने जीवन में ज़रूर आत्मसात करें।
कहा जाता है महिलाओं को समझाना बेहद कठिन है। खुद भगवान उन्हें नहीं समझ पाए लेकिन आचार्य चाणक्य ने नीति ग्रन्थ नाम की एक पुस्तक लिखी है जिसमे महिलाओं के मन में कब क्या चलता है भी लिखा है। इन बातों को महिलाएं अपने दिल में छुपकर रखतीं हैं लेकिन आचार्य चाणक्य ने इसका राज़ भी अपनी इस पुस्तक में खोल दिया है। उन्होंने महिलाओं और पुरुषों की भावनाओं में किस तरह अंतर होता है ये भी बताया है।
दरअसल इस पुस्तक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि महिलाएं अपने बारे में क्या सोचतीं हैं साथ ही कैसे वो खुद को सुन्दर, शर्मीली, मेहनती और बहादुर समझती हैं। साथ ही अपने बारे में क्या सोचतीं हैं। इतना ही नहीं उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से ये भी बताया है कि महिलाएं इन बातों को सिर्फ अपने तक ही रखतीं हैं और इसे वो किसी से भी नहीं कहतीं हैं। इसी का वर्णन करते हुए चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से इस बात को कहा है। साथ ही ये श्लोक है -
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः ॥१७॥
श्लोक का अर्थ:
पुरषों के मुकाबले महिलाओं को ज़्यादा लगती है भूख
इस श्लोक का अर्थ है कि महिलाओं को ज़्यादा भूख लगती है जो पुरुषों के मुकाबले दोगुनी होती है। भले ही आज के समय में खान पान और दिनचर्या में आये बदलाव की वजह से इसमें थोड़ी कमी आई हैं।
चार गुना ज़्यादा आती है शर्म
चाणक्य आगे कहते हैं कि महिलाएं ज़्यादा शर्मिंदा होती हैं। उनमे शर्म पुरुषों के मुकाबले चार गुना ज़्यादा होती है।
महिलाओं में पुरुषों से छ: गुना साहस
चाणक्य ने अपनी इस पुस्तक में लिखा है कि महिलाओं में पुरुषों से छ: गुना साहस होता है। यही वजह है कि स्त्रियों को शक्ति रूप कहा जाता है। वो कई तरह के साहसी काम पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा अच्छे से कर सकतीं हैं।
पुरुषों के मुकाबले आठ गुना ज़्यादा काम इच्छा
चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं में काम इच्छा भी पुरुषों के मुकाबले आठ गुना ज़्यादा होती है। लेकिन उनमे मौजूद शर्म और सहनशक्ति इसे उजागर नहीं होने देता और वो अपने धर्म और संस्कार के बारे में सोचते हुए अपने परिवार को संभालती हैं।