क्या आप जानते हैं, मेटाबॉलिज़्म में गड़बड़ी से बढ़ता है यूरिक एसिड
आज के समय में लोगों में यूरिक एसिड बढ़ने के कई मामले सामने आ रहे हैं। आधुनिक जीवन शैली और गलत खानपान के कारण यह समस्या तेज़ी से बढ़ रही है।असंतुलित आहार के कारण व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म बिगड़ने लगता है जिससे यूरिक एसिड की समस्या हो जाती है। शरीर में प्यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड बनता है।
लखनऊ : आज के समय में लोगों में यूरिक एसिड बढ़ने के कई मामले सामने आ रहे हैं। आधुनिक जीवन शैली और गलत खानपान के कारण यह समस्या तेज़ी से बढ़ रही है। असंतुलित आहार के कारण व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म बिगड़ने लगता है जिससे यूरिक एसिड की समस्या हो जाती है। शरीर में प्यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड बनता है।
प्यूरिन एक एेसा पदार्थ है जो खाने वाली चीजों में पाया जाता है। खाने वाली चीजों से यह शरीर में पहुंचता है और फिर ब्लड के माध्यम से बहता हुआ किडनी तक पहुंचता है। वैसे तो यूरिक एसिड यूरीन के माध्यम से शरीर के बाहर निकल जाता है। मगर कई बार यह शरीर में ही रह जाता है। इसके कारण इसकी मात्रा बढ़ने लगती है। अगर वक्त रहते सही देखभाल की जाए तो इस परेशानी से दूर रहा जा सकता है।
फिजीशियन डॉ ए के यादव के मुताबिक यूरिक एसिड अपने आप में कोई रोग नहीं है। यह मेटाबॉलिज़्म में होने वाली गड़बड़ी से पैदा हुई एक समस्या है। इस समस्या का कोई तय कारण नहीं है। यह किसी भी आयुवर्ग के लोगों को हो सकती है।
क्या है यूरिक एसिड
यूरिक एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना कम्पाउंड होता है जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो एसिड के रूप में प्राप्त होता है। इस एसिड की सामान्य मात्रा तो यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन जब इसकी ज़्यादा मात्रा शरीर में बनने लगती है तो ये मात्रा बाहर निकलने की बजाय शरीर में ही जमा होती जाती है और गठिया का रूप ले लेती है।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षणः
पैरों-जोड़ों में दर्द
एड़ियों में दर्द
गांठों में सूजन
ज्यादा देर बैठने पर या उठने पर पैरों एड़ियों में असहनीय दर्द।
शुगर लेवल बढ़ना।
यूरिक एसिड के मरीज़ कम करें प्रोटीन का सेवन
शरीर के निर्माण में प्रोटीन बेहद ज़रूरी होता है, साथ ही पुरानी सेल्स की मरम्मत के लिए भी यह आवश्यक होता है। इसकी कमी होने पर शरीर कमज़ोर होने लगता है और बहुत सी बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में प्रोटीन की ज़्यादा मात्रा आहार में ली जाती है जो बढ़ते हुए बच्चों, युवाओं और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आवश्यक होती है, लेकिन अगर 25 साल की उम्र के बाद कम शारीरिक मेहनत करते हुए प्रोटीन की ज़्यादा मात्रा का सेवन किया जाता है तो यही प्रोटीन शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ाने लगता है। इस एसिड की बढ़ी हुई मात्रा छोटे-छोटे क्रिस्टल्स के रूप में हड्डियों के जोड़ों के आसपास जमा होने लगती है। यह क्रिस्टल्स बहुत नुकीले होते हैं जो जोड़ों की चिकनी झिल्ली में चुभते हैं जिससे भयंकर दर्द होता है। रात में ये दर्द बढ़ जाता है और सुबह शरीर में अकड़न महसूस होती है।
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यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण
कुछ लोगों में यूरिक एसिड का बढ़ना वंशानुगत होता है यानी उनकी हर पीढ़ी में इस एसिड के बढ़ने की समस्या पायी जाती है।
किडनी द्वारा सीरम यूरिक एसिड का कम उत्सर्जन करने से भी इसकी मात्रा रक्त में बढ़ जाती है।
तेज़ी से वजन घटाने या उपवास की प्रक्रिया में भी इस एसिड का लेवल काफी तेज़ी से बढ़ जाता है।
डायबिटीज की दवाएं और पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं भी इस एसिड की मात्रा को बढ़ा देती हैं।
यूरिक एसिड के बढ़ने से होने वाले नुकसान
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने से शरीर के छोटे जोड़ों में दर्द रहने लगता है जिसे गाउट रोग कहते हैं। अगर किडनी की भीतरी दीवारों की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो जाए तो भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है जिससे किडनी में स्टोन होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
केजीएमयू के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ अजय के मुताबिक यूरिक एसिड का बढ़ा हुआ स्तर कार्डियोवैस्कुलर रोग और मेटाबोलिक सिन्ड्रोम का कारण भी बन सकता है।
ऐसे में इस एसिड की मात्रा को बढ़ने से रोकने के लिए संतुलित आहार का लिया जाना बेहद ज़रूरी है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन्स, मिनरल्स और फैट्स का संतुलन हो ताकि किसी भी एक तत्व की मात्रा ना कम हो सके और ना ही ज़्यादा।
इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर भी यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा से बचाव सम्भव है क्योंकि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में मौजूद यूरिक एसिड की ज़्यादा मात्रा यूरिन के ज़रिये बाहर निकाली जा सकती है।यूरिक एसिड की समस्या से बचने के लिए शरीर के मेटाबॉलिज़्म का नियंत्रित रहना बहुत ज़रूरी है। इसलिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और सन्तुलित आहार लें।
यूरिक एसिड में ना करें इन चीजों का सेवन
यूरिक एसिड के मरीज़ो को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। बीयर में यीस्ट की मात्रा अधिक होती है इसलिए इसके सेवन से दूर रहना चाहिए।
रात को सोते समय दूध या दाल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। अगर फिर भी दाल खाने का मन करता है तो छिलके वाली दाल खाएं।
दही, चावल, अचार, ड्राई फ्रूट्स, दाल, पालक, फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, पैकड फूड, अंडा, मांस, मछली, शराब, और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए। ये सब चीजें यूरिक एसिड की समस्या बढ़ाती है।