Sabse Mahanga Namak: कितने तरह के नमक के बारे में जानते हैं आप, ये है दुनिया का सबसे महंगा नमक
Duniya Ka Sabse Mahanga Namak: क्या आप जानते हैं कि कोरिया के नमक को इतना महंगा क्यों माना जाता है और आखिर इसकी कीमत क्यों हज़ारों में है।;
Duniya Ka Sabse Mahanga Namak: नमक हमारे जीवन से जुड़ीं ऐसी महत्वपूर्ण वस्तु है, जिसके बिना हमारे सारे स्वाद अधूरे हैं। जिसका इस्तेमाल सारी दुनिया में खाने में हर रोज किया जाता हैं। देखा जाए तो रसोई में रखे बाकी मसालों की तुलना में नमक की कीमत सबसे कम होती है। नमक का काम एक है लेकिन इसके स्वाद अनगिनत है। ठीक इसी तरह नमक की एक नहीं कई तरह की वैरायटी खाने में अलग अलग स्वाद लाने के लिए किया जाता है। दुनिया में कई प्रकार की नामक की किस्में मौजूद हैं। जिसमें सफेद नमक, काला नमक, गुलाबी नमक, कोषेर नमक, स्मोक्ड नमक, अचार नमक और सेंधा नमक समेत बहुत तरह के नमक होते हैं, अधिकतर घरों में रोजाना खाना बनाते वक्त सफेद और सेंधा नमक का ही यूज होता है।
नमक एक या दो नहीं बल्कि 10 तरह का होता है, जिसका उपयोग भोजन से लेकर कई बीमारियों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। आइए जानते हैं नमक की इन किस्मों के बारे में विस्तार से।
कोशरिंग नमक
कोशरिंग नमक की खूबियों की बात करें तो इस नमक के दाने टेबल साल्ट की अपेक्षा मोटे और परत वाले होते हैं। इसका उपयोग मीट के ऊपर छिड़कने के लिए किया जा है और यह तेजी से घुल भी जाता है।
समुद्री नमक
समुद्री नमक बाकी नमक की अपेक्षा कम साफ और बड़े दाने वाला होता है। इसमें जिंक, पोटैशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते है। इसे समुद्र के जल को सुखाकर बनाया जाता है।
सेंधा नमक
इसका रंग फीके सफेद और गुलाबी के शेड्स में होता है। ये हिमालय नमक, सेंधा नमक और पिंक साल्ट के नाम से मशहूर इस नमक को सबसे साफ माना जाता है। इसे हाथ से खोदकर निकाला जाता है।
फ्लिउर दे सेल
इसका उपयोग सीफूड, सब्जी, चॉकलेट, कैरेमल और मीट आदि के प्रयोग के लिए बढ़िया माना गया है। इस नमक को फ्रांस की ब्रिटनी नामक जगह के ज्वार वाले पुल से निकाला जाता है। इसे दिन के दौरान सूर्य की रौशनी में निकाला जाता है।
काला नमक
इसे भट्टी में चारकोल, जड़ी बूटी और छाल के साथ पैक करके पकाया जाता है। सेहत के लिए सेंधा नमक को बढ़िया माना गया है। पाचन एवं कई तरह के आयुर्वेद में दवा बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।यह सभी हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है।
फ्लेक साल्ट
इस नमक का मीट आदि खाने के लिए का उपयोग किया जाता है। इस नमक को वाप्पीकरण के माध्यम से निकाला जाता है। पतली परत वाले, गैर बराबर कण और सफेद रंग के इस नमक में खनिज की मात्रा काफी कम मौजूद होती है।
ब्लैक हवाईयन सॉल्ट
ब्लैक हवाईयन सॉल्ट में एक्टीवेटेड चारकोलकी मात्रा होने के कारण इस नमक का रंग गहरा काला होता है।इसे ब्लैक लावा सॉल्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस नमक को समुद्र से निकाला जाता है।
स्मोक्ड साल्ट
मीट और आलू में खास खुशबू और स्वाद देने के लिए इस नमक का उपयोग किया जाता है। इस नमक को 15 दिनों तक लकड़ी की आग में धुंआ दिया जाता है। धुआं के कारण इस नमक का स्वाद स्मोकी होता है।
सेल्टिक सी सॉल्ट
यह नमक फ्रांस के समुद्र तट पर मौजूद ज्वार भाटे से भरने वाले तालाबों से निकाला जाता है। मछली और मीट पकाने के लिए इस नमक को अच्छा माना गया है। फ्रेंच में इस नमक को सेल ग्रीस के नाम से जाना जाता है।
टेबल साल्ट
इसमें मौजूद अशुद्धियों को साफ कर इसमें आयोडीन मिलकर इसका उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग घेंघा के उपचार के लिए किया जाता है। यह सबसे आम तौर पर इस्तमाल में लाया जाने वाला साल्ट है। यह जमीन के नीचे पाए जाने वाले लवणीय तत्वों से बनाया जाता है।
जानते हैं दुनिया के सबसे कीमती कोरियाई नमक के बारे में
क्या आप जानते हैं इन सबके अलावा दुनिया में बेहद महंगा नमक भी होता है। जिसकी कीमत हजारों में है। वहीं इसको बनाने की एक बेहद खास प्रक्रिया होती है। बहुत कम लोग इस बेशकीमती नमक के बारे में जानते हैं। आइए जानते हैं दुनिया के सबसे महंगे नमक के बारे में, जिसकी कीमत और बनाने की प्रक्रिया दोनों ही लोगों के लिए आश्चर्य का विषय हो सकते हैं। दुनिया के सबसे इस महंगे नमक का नाम कोरियाई नमक है। इस नमक को कई चीजों को मिलाकर तैयार किया जाता है।
ये होती है कोरियाई नमक बनाने की प्रक्रिया
कोरियाई नमक बनाने की प्रक्रिया भी काफी लंबी और जटिल होती है। जानकारी के अनुसार इसको बनाने में एक महीने से भी लंबा समय लगता है। रिपोर्ट के करीब 45 से 50 दिन का समय लग जाता है। कोरियाई बांस नमक को जुग्योम नाम से भी लोकप्रिय है। इस नमक का रंग सफेद होता है। इसको बनाने के लिए समुद्री नमक को बांस के खोखले टुकड़ों में भरा जाता है। इसके बाद इसे तेज आंच पर भूनते हैं। ताकि बांस में मौजूद खनिज तत्व नमक में समा जाएं। इस नमक को 800 से 1500 हजार डिग्री सेल्सियस से भी अधिक तापमान पर बनाते हैं। उच्च तापमान पर बनने के चलते यह तरल रूप में बदल जाता है। इसके बाद इसे ठंडा करके सख्त किया जाता है। इस प्रक्रिया को करीब नौ बार दोहराया जाता है। ऐसे में इसको बनाने में समय और मेहनत ज्यादा लगती है।कोरियाई लोग प्राचीन समय से भी खाना और दवाएं बनाने के लिए बांस के डंडो का ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं। ऐसे में इस नमक को भी इन्हीं बांस की मदद से तैयार किया जाता है।
कोरियाई नमक की खूबियां
यह कोरियाई नमक आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्वों से भरपूर होता है। ऐसे में कोरियन नमक का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से समुद्री नमक की तुलना में कहीं अधिक लाभदायक माना जाता है।
कोरियाई नमक की ये है कीमत
महात्मा गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार के नमक कानून का उल्लंघन करके दांडी यात्रा निकाली थी। अंग्रेजों के समय में नमक की कीमत काफी ज्यादा हुआ करती थी।
लेकिन आज भारत में नमक काफी सस्ते दामों पर मिल जाता है। जबकि बाहर के देशों में आज भी नमक महंगा मिलता है। आज हम आपको दुनिया के सबसे महंगे नमक कोरियाई नमक की कीमत के बारे में बताने जा रहे हैं। इस कोरियाई बांस नमक की कीमत 30,000 रुपये प्रति किलोग्राम है। जबकि बाहर के देशों में यह नमक 347.37 डॉलर की कीमत पर मिल रहा है।