Malnutrition Problem: सावधान ! फास्ट फूड व जंक फूड खाने से हो सकते है कुपोषण के शिकार

Malnutrition Problem: मोटापा एक ऐसी स्थिति है जिसमें वजन बढ़ने के कारण शारीरिक बदलाव के साथ-साथ कई तरह के रोग भी जन्म लेने लगते है। इसलिए हमेशा एक संतुलित आहार को फॉलो करने के साथ फास्ट व जंक फूड से भी परहेज कर आप खुद को कुपोषण के शिकार होने से बचा सकते है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-06-29 19:58 IST

junk food craving (Image credit: social media)

Malnutrition Problem : क्या आप तंदरुस्त है? इस सवाल का जबाव आप अपने शरीर को बाहरी रूप से देखकर नहीं बल्कि अंदरूनी रूप से महसूस करके दें। आमतौर पर लोग कुपोषित होने को शरीर की बनावट से जोड़ के देखते हैं यानी जो व्यक्ति बेहद ही दुबला -पतला है वो कुपोषण के दायरे में आ जाता है। लेकिन अगर व्यक्ति मोटा है तो उसे अपने आप तंदरुस्त मान लिया जाता है। लेकिन क्या ये सोचने का तरीका वास्तव में सही है ?

हालिया हुए एक रिसर्च में ये बात सामने आयी है कि कुपोषण का मतलब से सिर्फ बेहद कमजोर दिखने वाले लोगों से लगाया जाना सही नहीं है । बल्कि मोटापे को भी कुपोषण का ही एक प्रकार माना जाता है। जी हाँ मोटापा एक ऐसी स्थिति है जिसमें वजन बढ़ने के कारण शारीरिक बदलाव के साथ-साथ कई तरह के रोग भी जन्म लेने लगते है। इसलिए हमेशा एक संतुलित आहार को फॉलो करने के साथ फास्ट व जंक फूड से भी परहेज कर आप खुद को कुपोषण के शिकार होने से बचा सकते है।

एक रिसर्च के मुताबिक़ फटाफट नूडल्स भोजन में भारत दुनिया में चौथा सार्वाधिक बड़ा बाजार बन चूका है । बता दें कि साल 2017 तक इसका बाजार 93.66 अरब रुपए था जो लगातार 5.6 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। इन आकड़ों की मानें तो भारतीय परिवार देश में पैदा होने वाले अनाज की जगह नूडल्स का सेवन कर रहें है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित होता है।

उल्लेखनीय है कि कुपोषण को ना केवल घटे हुए बाडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के साथ बल्कि मोटापे से भी जोड़कर देखा जाता है। बता दें कि जब आपके शरीर में अत्यधिक मात्रा में चर्बी जमा होनी शुरू हो जाती है तो चर्बी के कारण आपका शरीर काफी फ़ैल या फूल जाता है। जिसके कारण कुछ आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, मिनरल पर्याप्त मात्रा में आपके शरीर को नहीं मिल पाता है और इसके कारण कभी -कभी ट्यूबरक्लोसिस जैसी गंभीर बीमारी भी आपको जकड़ सकती है।इसलिए ऐसी गंभीर बिमारियों से बचने के लिए शरीर में हमेशा संतुलित और सुपोषित बन सकें।

 जब हम रोज़ाना लंबे समय तक आप अपने खान -पान के जरिये जितनी कैलरी लेते हैं उससे कम दैनिक गतिविधि और व्यायाम में बर्न करते हैं। तो समय के साथ यह अतिरिक्त कैलरी जमा होकर वजन बढ़ने का प्रमुख कारण बनती है। गौरतलब है कि आजकल के लाइफस्टाइल में ज्यादा मात्रा में फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड खाने के कारण कैलरी की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है लेकिन उसे ठीक प्रकार से बर्न न कर पाने की स्थिति परेशानियों का सबब बनती हैं।

बता दें कि फास्ट फूड एवं जंक फूड सेका टेस्ट बच्चों से लेकर बड़ों तक को बहुत भाता है इसके सेवन से आसानी से स्वाद के साथ पेट तो भर जाता है लेकिन कोई भी आवश्यक पोषक तत्व शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्राप्त नहीं हो पाते हैं। जिसके कारण शरीर कई तरह के रोगों से ग्रसित होना शुरू हो जाता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि स्वस्थ रहने के लिए संतुलित व उचित मात्रा में भोज्य पदार्थों को दिनचर्या में शामिल करने के साथ ही फिजिकल एक्टिविटी पर भी पूरा ध्यान दिया जाए।

 विशेषज्ञों के अनुसार सभी पोषण कार्यक्रमों में अधिकतर कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना होता है क्योंकि उनका उद्देश्य फलों और दालों को मिलाकर तैयार किया गया संतुलित आहार देने की जगह सिर्फ आपकी भूख मिटाना होता है। इन प्रोडक्ट्स को बनाने वाले केवल लोगों की भूख को मिटाना है। लेकिन इससे जुड़े आँकड़े ये स्पष्ट रूप से बताते हैं कि कुपोषण एक बेहद गंभीर और चिंता जनक समस्या है। जो तेज़ी से अपना पॉव पसार रही है।

कुपोषण के प्रमुख लक्षण:

आमतौर पर कुपोषण का सबसे आम और सामान्य लक्षण अनियोजित रूप से वजन का घटना ही माना जाता है। गौरतलब है कि तीन से छह महीनों के भीतर आपके वजन में 5 प्रतिशत से लेकर 10 प्रतिशत से अधिक की कमी को कुपोषण का प्रमुख लक्षण माना जाता है। इसके अलावा भी इससे जुड़े कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं। जिनमें कमजोर मांसपेशियां, हर समय थकान महसूस करना, उदास मन और बीमारियों या संक्रमण में वृद्धि होना शामिल है।

कब जाएँ डॉक्टर के पास :

उल्लेखनीय है कि अगर आपका बीएमआई 18.5 से कम है या आप उपरोक्त लक्षणों में से किसी को महसूस या अनुभव करते हैं तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। गौरतलब है कि बीएमआई वो माध्यम है जिससे यह जाना जाता है कि क्या आपकी ऊंचाई के आधार पर आपका वजन सही है या नहीं।

संतुलित आहार की श्रेणी में क्या आता है?

संतुलित आहार के रूप में अनाज, दालें, हरे पत्तेदार सब्जियां, अन्य सब्जियां, फल, दूध व दूध उत्पाद और घी या तेल को शामिल किया जाता है। खुद को पोषित रखने के लिए आपको रोज़ाना इन सभी चीज़ों का सेवन करना जरुरी बताया गया है।


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