Father-Son Relationship: पिता के कंधे पर पुत्र
Father-Son Relationship: वैसे तो पिता पुत्र का संबंध जगजाहिर है। हमारे यहां मां को धरती और पिता को आकाश कहा जाता है। इसके पीछे मूल कारण ये है कि मां से व्यक्ति हमेशा जुड़ा रहता है।
Father-Son Relationship: आखिर क्यों वायरल हो गई ये कविता, वैसे तो पिता पुत्र का संबंध जगजाहिर है। हमारे यहां मां को धरती और पिता को आकाश कहा जाता है। इसके पीछे मूल कारण ये है कि मां से व्यक्ति हमेशा जुड़ा रहता है। एक डोर दोनों को हमेशा जोड़े रखती है। वहीं पिता आकाश सरीखा होता है जिसका होना ही संरक्षण और पनपने का अवसर देना होता है। हर संतान खुद को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा अपने पिता को देखती है। उस जैसा बनना चाहती है। लेकिन पिता संतान के जितना पास होता है। उतना ही दूर भी होता है क्योंकि जब तक संतान उसकी ऊंचाइयां पार करती है तब तक पिता की ऊंचाई और बढ़ चुकी होती है और ये सिलसिला संतान के पिता बनने तक और फिर उसकी संतान के पिता बनने तक चलता रहता है।
मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा
जब मेरे कंधे पे खड़ा हो गया
मुझी से कहने लगा
देखो पापा में तुमसे बड़ा हो गया।
मैंने कहा -बेटा इस खूबसूरत ग़लतफहमी में भले ही जकड़े रहना
मगर मेरा हाथ पकड़े रखना।
जिस दिन यह हाथ छूट जाएगा
बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा।
दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नहीं है
देख तेरे पांव तले अभी जमीं नहीं है।
में तो बाप हूँ बेटा बहुत खुश हो जाऊंगा
जिस दिन तू वास्तव में मुझसे बड़ा हो जाएगा।
मगर बेटे कंधे पे नही ...
जब तू जमीन पे खड़ा हो जाएगा।
ये बाप तुझे अपना सब कुछ दे जाएगा
और तेरे कंधे पर दुनिया से चला जाएगा।