Fitness Secret of Sunita Willams: सुनीता विलियम कैसे हैं इतनी फिट, 58 साल की उम्र में भी सभी टेस्ट को किया पास
Fitness Secret of Sunita Willams: भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स को स्पेस पर डांस करते देख कोई नहीं कह सकता कि वो 58 साल की हैं आइये जानते हैं कैसे उन्होंने खुद को इतना फिट रखा हुआ है।
Fitness Secret of Sunita Willams: भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष का सपना बचपन से संजोया था वहीँ उन्हें एक बार फिर ये मौका मिला। दरअसल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने शुक्रवार सुबह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया है। दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर नासा का बोइंग स्टारलाइनर 5 जून को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से उड़ान भरने के बाद आईएसएस से जुड़ गया था। इस दौरान भारत में सुनीता विलियम्स को लेकर चर्चा तेज़ हो गईं वो 58 साल की हैं और अंतरिक्ष में जाने के लिए उन्होंने हर तरह के फिटनेस टेस्ट को पास कर लिया। आइये अन्ते हैं क्या है उनकी फिटनेस का राज़।
सुनीता विलियम कैसे हैं इतनी फिट (Fitness Secret of Sunita Willams)
नासा के फुटेज में नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को गुरुवार अपराह्न 3:46 ईटी पर यूएसएस के हैच दरवाजे से प्रवेश करते हुए दिखाया गया। आईएसएस पर अभियान 71 दल के सात अंतरिक्ष यात्रियों ने बोइंग के नए कैप्सूल पर उड़ान भरने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री सुनीता और बुच का स्वागत किया। इस दौरान सुनीता विलियम्स को स्पेस में डांस करते हुए देखा गया। वो बेहद खुश नज़र आ रहीं थीं।
सुनीता विलियम्स भले ही 58 साल की हों लेकिन उनका जोश देख कर आप उन्हें 25-30 साल से ज़्यादा का नहीं कह सकते। इतना ही नहीं उनकी फिटनेस भी कमाल की है। वो स्पेस पर भी अपने फिटनेस प्रोग्राम को नहीं भूलतीं। उन्हें एक अनुभवी एथलीट और मैराथन विजेता भी माना जाता है।
उनका स्पेस पर ट्रेडमिल ओर चलते और साइकिलिंग का वीडियो खूब वायरल हुआ था। सुनीता ने इसके बारे में एक बार लिखा था," बहुत से लोग ट्रेडमिल के बारे में पूछते हैं क्योंकि यह कल्पना करना कठिन है कि कोई गुरुत्वाकर्षण के बिना अंतरिक्ष में कैसे दौड़ सकता है।" "हमें हार्नेस और बंजीज़ का उपयोग करके ट्रेडमिल पर बांधा गया है।" उन्होंने कहा कि ट्रेडमिल और व्यायाम बाइक दोनों एक "कंपन अलगाव प्रणाली" से सुसज्जित हैं जो बोस्टन ग्लोब के अनुसार, व्यायाम से होने वाले कंपन को अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न प्रणालियों को प्रभावित करने से रोकती है।
आपको बता दें कि स्पेस में जाने के लिए व्यक्ति को कई तरह के फिजिकल टेस्ट पास करने होते हैं साथ ही ये बेहद कठिन टेस्ट होते हैं। जिसे पास करना हर एक के बस की बात नहीं होती है। लेकिन सुनीता विलयम्स जो अपनी फिटनेस को लेकर काफी अलर्ट रहतीं हैं उन्होंने इसे पास किया और एक बार फिर वो स्पेस पर पहुंचीं।
उनके नाम किसी महिला द्वारा सबसे अधिक बार स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं, उन्होंने अंतरिक्ष में 195 दिन से अधिक समय बिताया, जो अंतरिक्ष में महिलाओं के लिए एक रिकॉर्ड भी है।
सुनीता का जन्म एक इंडो-अमेरिकन न्यूरोएनाटोमिस्ट दीपक पंड्या के घर हुआ था। वहीँ उनकी मां उर्सुलाइन बोनी पंड्या (नी ज़ालोकर) एक स्लोवेनियाई अमेरिकी महिला थीं। सुनीता ने 1983 में नीधम हाई स्कूल, मैसाचुसेट्स से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनका जन्म उनके भाई और बहन के बाद हुआ था। वह अपने भाई जे थॉमस से चार साल छोटी हैं और अपनी बहन दीना आनंद से तीन साल छोटी हैं।
एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में सुनीता की यात्रा अगस्त 1998 में एक अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में जॉनसन स्पेस सेंटर में शुरू हुई। उन्होंने व्यापक प्रशिक्षण लिया जिसमें विभिन्न प्रकार की तकनीकी और वैज्ञानिक ब्रीफिंग, शटल और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) प्रणालियों में गहन प्रशिक्षण भी शामिल थे। शारीरिक प्रशिक्षण के बाद, उन्होंने 16 अप्रैल, 2007 को अंतरिक्ष में अब तक की अपनी पहली मैराथन पूरी की। हालाँकि, यह पहला अवसर नहीं था जब सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में थीं। 15 जुलाई 2012 को, उन्हें अभियान 32/33 के एक भाग के रूप में रूस के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सोयुज नामक अंतरिक्ष यान के माध्यम से लॉन्च किया गया था। उनके साथ जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के अंतरिक्ष यात्री अकिहिको होशाइड और रूसी अंतरिक्ष यात्री यूरी मालेनचेंको भी थे। 17 सितंबर 2012 को, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया, ऐसा करने वाली वह दूसरी महिला थीं। सितंबर 2012 में, वह अंतरिक्ष में ट्रायथलॉन करने वाली पहली व्यक्ति बनीं।
फिलहाल आपको बता दें सुनीता विलियम्स खुद को फिट रखने के लिए अपनी डाइट से लेकर नियमित व्यायाम पर भी पूरा ज़ोर देतीं हैं। यही वजह है कि उन्हें आप स्पेस भी अपने रूटीन में किसी तरह का हेर फेर नहीं रखते हुए देखा गया है।