Guru Gobind Singh Birth Anniversary: गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर जानिए उनके अनमोल विचार, उनकी हर एक बात थी प्रेरणादायक

Guru Gobind Singh Birth Anniversary:आज गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर जानिए इनके अनमोल विचार कैसे उन्होंने जिया था शेर की तरह जीवन।

Update:2023-12-22 11:29 IST

Guru Gobind Singh Birth Anniversary (Image Credit-Social Media)

Guru Gobind Singh Birth Anniversary: गुरु गोबिंद सिंह का जन्म जॉर्जियाई कैलेंडर के अनुसार 22 दिसंबर को हुआ था लेकिन उनका जन्मदिन हर साल चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। वो नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के एकमात्र पुत्र थे। वो 11 नवंबर, 1675 को दिल्ली में अपने पिता की सार्वजनिक हत्या के बाद, महज़ नौ साल की उम्र में 29 मार्च, 1676 को 10वें सिख गुरु के रूप में सामने आये। उनके निर्देशानुसार ही सिख आज अपने बालों को पगड़ी से ढकते हैं। आइये जानते हैं उन्होंने सभी को क्या सन्देश दिया था, जिसके लिए आज भी हम उन्हें याद करते हैं।

गुरु गोबिंद सिंह कोट्स

गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा की पांच 'के' परंपरा की शुरुआत की, जिसमें केश (कटे हुए बाल), कंघा (एक लकड़ी की कंघी), कारा (कलाई पर पहना जाने वाला एक लोहे या स्टील का कंगन), किरपान (एक तलवार या खंजर), और कचेरा (छोटी जांघिया) पर जोर दिया गया। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिख धर्म के शाश्वत गुरु के रूप में स्थापित किया और सिखों को इसे अपना गुरु मानने का निर्देश दिया। तब से, गुरु ग्रंथ साहिब को सिख समुदाय के शाश्वत गुरु के रूप में सम्मानित किया गया है।

1. सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं।

2. सबसे बड़ा आराम और स्थायी शांति तब मिलती है, जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को मिटा देता है।

3. यदि तुम बलवान हो, तो निर्बलों पर अत्याचार न करो, और इस प्रकार अपने साम्राज्य पर कुल्हाड़ी मत चलाओ।

4. र्ता (सृष्टिकर्ता) और करीम (उपकारी) एक ही ईश्वर के नाम हैं। रजाक (प्रदाता) और रहीम (दयालु) भी उनके दिए गए नाम हैं।

5. वही मनुष्य है जो अपने वचन का पालन करता है, वह नहीं जिसके मन में कुछ और जीभ पर कुछ और है।

6. कोई मनुष्य अपनी भूल में नामों के भेद पर न लड़े। उस एक परमेश्वर की उपासना करो जो सबका स्वामी है। जानो कि उसका रूप एक है और वही सब में फैला हुआ एक प्रकाश है।

7. अगर आप केवल अपने भविष्य के ही विषय में सोचते रहें तो आप अपने वर्तमान को भी खो देंगे।

8. जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।

9. भगवान ने हम सभी को इसलिए जन्म दिया है ताकि हम इस संसार में अच्छे कार्य करें समाज में फैली बुराई को दूर करें।

10. मैं उन ही लोगों को पसंद करता हूं जो हमेशा सच्चाई के राह पर चलते हैं।

                   गुरु गोबिंद सिंह जी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

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