Jawaharlal Nehru Wife: मिलिए जवाहर लाल नेहरू की पत्नी से, स्वतंत्रता आंदोलन में लिया था हिस्सा
Jawaharlal Nehru Wife: देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पत्नी का नाम कमला नेहरू था। दोनों की शादी 7 फरवरी 1916 को हुई थी।
Jawaharlal Nehru Wife: हर साल 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन (Jawaharlal Nehru Birth Anniversary) चिल्ड्रेंस डे (Children's Day) के तौर पर मनाया जाता है। उनकी जयंती में केवल दो दिन का समय शेष है। नेहरू के परिवार के बारे में तो आप जानते ही होंगे। उनकी बेटी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। उनकी हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने पीएम के तौर पर देश की कमान संभाली। उसके बाद नेहरू-गांधी परिवार से तो अब तक कोई प्रधानमंत्री नहीं बना, लेकिन सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मेनका गांधी और वरुण गांधी राजनीति में पूरी तरह से एक्टिव हैं।
जवाहर लाल नेहरू के परिवार (Jawaharlal Nehru Family Members) के इन सदस्यों के बारे में तो लगभग हर कोई जानता है, लेकिन उनकी पत्नी (Jawaharlal Nehru Wife) के बारे में कम ही लोग जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नेहरू की पत्नी के बारे में, जो भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता भी थीं। आइए जानें उनके बारे में।
कौन थीं जवाहर लाल नेहरू की पत्नी (Jawaharlal Nehru Ki Patni)
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पत्नी का नाम कमला नेहरू (Kamala Nehru) था। दोनों की शादी 7 फरवरी 1916 को दिल्ली में ऐतिहासिक हस्कर हवेली में हुई थी। उस समय कमला की उम्र 17 साल थी और नेहरू 26 साल के थे। कौल दिल्ली के प्रमुख व्यापारी पंडित जवाहरलालमल और राजपति कौल की बेटी थीं। उनका जन्म 1 अगस्त 1899 को हुआ था। कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में जन्मीं कमला अपने तीन भाई बहनों (चंदबहादुर कौल, कैलाशनाथ कौल और स्वरूप काट्जू) में सबसे बड़ी थीं। उनका पूरा परिवार पुरानी दिल्ली के सीताराम बाजार में हक्सर हवेली में रहता था।
ब्रिटिश लेखिका कैथरिन प्रैंसक ने अपनी पुस्तक 'इंदिरा: द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी' में लिखा है कि दिल्ली के परंपरावादी हिंदू ब्राह्मण परिवार में में पली-बढी होने की वजह से हिंदू संस्कार कमला नेहरू के चरित्र का एक प्रमुख हिस्सा थे, लेकिन पश्चिमी परिवेश वाले नेहरू परिवार में उन्हें बिल्कुल विपरीत माहौल मिला, जिसमें वह खुद को अलग थलग महसूस करती रहीं।
कमला हमेशा उस खानदान में खुद को अजनबी महसूस करती रहीं। लेकिन हमेशा अपने पति का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। वह नेहरू के साथ राष्ट्रीय आंदोलन में भी जुड़ी रहीं और सबसे आगे उभरकर सामने आईं। स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। उस दौरान उन्होंने अपने घर स्वराज भवन के कुछ कमरों को कांग्रेस डिस्पेंसरी में बदल दिया था, जिसमें घायल कार्यकर्ताओं, उनके परिवारों और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के अन्य निवासियों का इलाज किया जाता था।
उनके निधन के बाद महात्मा गांधी ने अन्य प्रमुख नेताओं की मदद से इस डिस्पेंसरी को उनकी याद में पूरी तरह से एक हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया और इसे कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल नाम दिया।
टीबी से हुई थी मौत (Kamala Nehru Death)
कमला कौल नेहरू की मौत कम ही उम्र में 28 फरवरी 1936 को स्विट्जरलैंड में टीबी से हो गई थी। उस समय कमला केवल 37 साल की थीं। जब उनकी मौत हुई तो उनकी बेटी इंदिरा प्रियदर्शिनी (इंदिरा गांधी) और उनकी सास उनके साथ ही थीं। लेकिन पति जवाहर लाल नेहरू अलमोड़ा जेल में बंद थे। कमला की मौत के बाद नेहरू टूट गए थे और महीनों तक शोक में रहे थे।