लखनऊ: आईआईटी कानपुर का नया साफ्टवेयर पता लगाएगा कि आप जिस वातावरण में सांस ले रहे हैं। वहां की आबो हवा कितनी शुद्ध है। इसके अलावा आपके आस पास प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों का भी चुटकियों में पता लगा लेगा। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश शर्मा और उनकी टीम ने इस साफ्टवेयर को तैयार किया है। आईआईटी कानपुर की टीम ने इस साफ्टवेयर को पर्यावरण निदेशालय लखनऊ को सौंपा है। इसका इस्तेमाल करके पर्यावरण निदेशालय अब आपके वातावरण की आबो हवा की शुद्धता और प्रदूषण को अपनी वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट करता रहेगा। नवाबी नगरी में लगे आईआईएसएफ 2018 में आयोजित क्लीन एयर कैंपेन में बोलते हुए प्रोफेसर मुकेश शर्मा ने बताया कि अभी तक जो तकनीक मौजूद है उससे आप प्रदूषण के स्तर को आसानी से नाप सकते हैं, लेकिन प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों की डिटेल जानकारी ठीक प्रकार से हासिल नहीं कर सकते हैं। इस साफ्टवेयर के इस्तेमाल से इन जानकारियों को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है।
हर दो किलोमीटर पर होगा एक ग्रिड
शहर को एक पूरे ग्रिड में बांटते हुए दो-दो किलोमीटर के जोन बनाए जाएंगे और हर जोन की एयर क्वालिटी को डिजिटाईज किया जाएगा। हर ग्रिड पर डिटेल काम होगा। इसमें हर ग्रिड की परिधि में निश्चित समय में कुल वाहनों का आवागमन, ट्रैफिक की स्थिति और प्रदूषण फैलाने वाले अन्य तत्वों की मानिटरिंग होगी। साफ्टवेयर से प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों के साथ साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स की डिटेल रिपोर्ट जानी जा सकेगी। पर्यावरण विभाग इसे अपनी वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट भी करता रहेगा। आम आदमी को पर्यावरण की वेबसाइट से जिस ग्रिड के बारे में जानकारी हासिल करनी होगी, बस उसे क्लिक करना होगा। एक क्लिक पर ही सारी जानकारी उपलब्ध होगी।