Indian Army Rules: भारतीय सेना में देश से धोखे और गद्दारी की मिलती है कठोर सजा, जानें क्या हैं नियम
Bhartiya Sena Mein Saja Kya Hai: क्या आप जानते हैं भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के जवान देश से गद्दारी करते हैं, तो उन्हें क्या सजा दी जाती है। चलिए जानते हैं इस आर्टिकल में।;
Indian Army Punishment Rules: हम अगर देश के इतिहास पर गौर करें तो पाएंगे की गद्दारी और धोखे ने हमेशा से ही देश की सुरक्षा को खोखला करने का काम किया है। हालांकि देश की आजादी के साथ ही देश की सुरक्षा के लिहाज से बड़े ही सख्त नियम बनाए गए हैं। बात करें देश की सुरक्षा में तैनात इंडियन ऑर्म्ड फोर्स (Indian Armed Forces) की तो इसमें सैन्य अनुशासन, परम्परा और उसके प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए काफी कठोर नियम हैं। यह एक ऐसी संस्था है, जिसके लिए राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि होती है। जिसके लिए सैन्यकर्मी हमेशा तत्पर रहते हैं। लेकिन अगर इनसे गलती से भी इसमें कहीं छोटी-सी भी चूक हो जाती है, तो फिर जिसके लिए इन्हें कठोर दंड सहने के लिए खुद को तैयार रहना पड़ता है। क्योंकि देश की सुरक्षा में की गई चूक देश के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकती है। जिससे न जाने कितने अंजान हादसे अंजाम ले सकते हैं।
आइए जानते हैं भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के जवान देश से गद्दारी करते हैं, तो उन्हें किस प्रकार दंडित (Desh Se Gaddari Karne Ki Saja) किया जाता है? हालांकि भारतीय सशस्त्र बालों के अंदर देशद्रोह के मामले कम ही सुनने को मिलते हैं। लेकिन जब भी ऐसा होता है, तो सेना के सम्मान और अखंडता को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाते हैं।
क्या हैं सेना अधिनियम 1950, वायु सेना अधिनियम, 1950 और नौसेना अधिनियम, 1957
सेना अधिनियम 1950, वायु सेना अधिनियम 1950 और नौसेना अधिनियम 1957 के तहत, अगर कोई सेना का जवान देश के दुश्मन से संपर्क करता है या जानकारी देता है, तो उसे आजीवन कारावास या मौत की सजा हो सकती है। वहीं, अगर सेना के किसी अधिकारी या जवान द्वारा विद्रोह किया जाता है, तो उसे 10 साल की जेल और जुर्माना भरना पड़ा सकता है। इसके अलावा, ऐसे मामले में आजीवन कारावास की भी सजा दिए जाने का प्राविधान है।
क्या है भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 की धारा 121
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 की धारा 121 के तहत अगर कोई जवान भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश करता है, तो उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। वहीं, धारा 124ए के तहत, अगर कोई जवान राजद्रोह करता है, तो उसे आजीवन कारावास या 3 साल तक कारावास और जुर्माना देना पड़ सकता है।
आरोप तय करने की क्या होती है प्रक्रिया
जिस सेना के जवान पर आरोप लगा है, उसका कमांडिंग ऑफिसर चार्जशीट तैयार करता है और ट्रायल शुरू होता है। इस दौरान आरोपी को अपनी सफाई देने का मौका मिलता है। साथ ही, प्रॉसिक्यूशन और डिफेंस अपने-अपने पक्ष को रखते हैं। वहां पर गवाह, सबूत को पेश किया जाता है। इसके बाद, संबंधित कमांड को सजा का प्रस्ताव भेजा जाता है। फिर, सजा सुनाई जाती है।
इससे पहले की प्रक्रिया के तहत जब किसी सैन्य कर्मी पर आरोप तय होता है, तो उसकी जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओएल) गठित की जाती है। इसके बाद, मामले की पूरी जांच की जाती है। गवाहों के बयान दर्ज किए जाते हैं। इसके बाद रिपोर्ट तैयार होती है और फिर जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
मृत्युदंड की सजा कब सुनाई जाती है
भारतीय सेना में तय नियमों के अनुरूप मृत्युदंड की सजा किसी दोषी को तब दी जाती है, जब युद्ध के दौरान सेना का जवान शत्रु देश की मदद करता हुआ पाया जाता है या उन्हें देश की सुरक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी भेजता है। जिससे देश की सुरक्षा कमजोर होती है और भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
आजीवन कारावास की सजा कब सुनाई जाती है
जब कोई सैन्य कर्मी अनजाने में देश की सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डाल देता है। लेकिन उसका दुश्मन देश के साथ किसी तरह से कोई संपर्क नहीं होता है। यह सजा तब दी जाती है, साथ ही दोषी जवान को सभी वेतन वृद्धि और भत्ते से वंचित कर दिया जाता है।
सेना की सेवा से बर्खास्तगी की सजा कब तय होती है
सैन्य सुरक्षा में गंभीर रूप से दोषी पाए जाने पर और आरोप साबित होने के बाद उस जवान से उसकी रैंक, सम्मान और विशेषाधिकारों सब वापस ले लिए जाते हैं।
सेना का जवान खुद को सजा से कैसे बचा सकता है
दोष सिद्ध होने पर भी सेना का जवान खुद को कई रास्ते से सजा होने से बचा सकता है। आर्मी एक्ट (Army Act) के तहत, आरोपी जवान प्री कंफर्मेशन पिटीशन और पोस्ट कंफर्मेशन पिटीशन दाखिल कर सकता है। आपको बता दें कि प्री कंफर्मेशन पिटीशन कमांडिंग ऑफिसर के पास जाती है और पोस्ट कंफर्मेशन पिटीशन केंद्र सरकार के पास जाती है। अगर दोनों जगह से पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिलता है, तो आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल (एएफटी) का ऑप्शन चुना जा सकता है। एएफटी के पास सजा को रद्द करने का विशेषाधिका अधिकार होता है।
भारतीय सेना में बाल और दाढ़ी के लिए क्या हैं नियम
आमतौर पर सेना के जवान अपने बाल और दाढ़ी को वेलट्रिम्ड रखते हैं। लेकिन सिख रेजिमेंट में यह दरअसल, भारतीय सेना में ठीक इसके उलट दिखाई पड़ता है। असल में भारतीय सेना में बाल और दाढ़ी के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं, जिनका उद्देश्य अनुशासन, समानता और स्वच्छता को बनाए रखना है। इसका पालन हर सैनिक को करना होता है। यह उनकी जिम्मेदारी और सैन्य संस्कृति का हिस्सा है। हालांकि, भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना में बाल और दाढ़ी के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश के नियम हैं।
इंडियन आर्मी में सिख कर्मियों के लिए बाल और दाढ़ी के नियम
इंडियन आर्मी में सिख सैन्य कर्मियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं को सम्मान करने के लिए विशेष छूट दी जाती है। सिख सैन्य कर्मियों को पगड़ी पहनना जरूरी है, केवल फिजिकल ट्रेनिंग, गेम्स या ऑपरेशनल सिनेरियो के दौरान पगड़ी नहीं पहनने की छूट है। सिख सैन्य कर्मी अपने धर्म के अनुसार बिना कटे बाल और दाढ़ी रख सकते हैं। प्रोफेशनल तरीके से उनकी दाढ़ी अच्छी तरह से बंधी और रोल की हुई होनी चाहिए।
भारतीय सेना में मुस्लिम सैन्य कर्मियों के लिए 2002 के बाद बदल गए हैं नियम
इंडियन आर्मी में बाल और दाढ़ी के नियम मुस्लिम सैन्य कर्मियों के लिए भी हैं, जिसमें दाढ़ी रखने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मुस्लिम सैन्य कर्मियों की दाढ़ी की लंबाई एक मुट्ठी से ढकने के बराबर होनी चाहिए। हालांकि मूंछों के बिना दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं है। 1 जनवरी, 2002 से पहले जिन मुस्लिम सैन्य कर्मियों की भर्ती हुई थी और उनकी दाढ़ी और मूंछें थीं, अब सिर्फ उन्हें ही दाढ़ी रखने की अनुमति है।
भारतीय सेना में आम सैन्य कर्मियों के लिए बाल और दाढ़ी के लिए क्या होते हैं नियम
इंडियन आर्मी में बाल और दाढ़ी के नियम एकरूपता को बनाए रखने के लिए जारी किए गए हैं। भारतीय सेना में जवानों के बाल छोटे होने चाहिए। बाल इतने छोटे होने चाहिए कि वह सैनिक की टोपी या हैट के बाहर नहीं दिखाई दें। भारतीय सेना के जवानों को दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं है। हालांकि, मूंछों की अनुमति है। लेकिन मीडियम रखा जा सकता है। उन्हें रोजाना ट्रिम करना आवश्यक माना जाता है।
भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना में बाल और दाढ़ी को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं
भारतीय सशस्त्र बालों में बाल और दाढ़ी को लेकर सभी के लिए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन हर सैन्य कर्मी के लिए जरूरी होता है।
भारतीय नौसेना में क्या होते हैं बाल और दाढ़ी के नियम
इंडियन आर्मी के अलावा इंडियन एयरफोर्स और नेवी में बाल और दाढ़ी के लिए अलग नियम बनाए गए हैं। इंडियन नेवी में सिख कर्मियों के लिए बिना कटे बाल और दाढ़ी बनाए रखने की अनुमति है। इंडियन नेवी कर्मी अपने कमांडिंग ऑफिसर से अनुमति लेकर दाढ़ी बढ़ा सकता है। वहीं, अनुमति मिलने के बाद, जवान को दाढ़ी कम के कम 6 महीने तक रखनी पड़ेगी।
भारतीय वायु सेना में क्या होते हैं बाल और दाढ़ी रखने के नियम
इंडियन एयर फोर्स में सिख कर्मियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, बिना कटे बाल और दाढ़ी रखने की अनुमति है। हालांकि भारतीय वायु सेना के जवानों को बिना दाढ़ी के रहना जरूरी है। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में एयर फोर्स की पॉलिसी को बरकरार रखने पर जोर दिया था। जो सैनिक बाल या दाढ़ी के नियमों का पालन नहीं करता है या उल्लंघन करता है, तो उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है
सेना में भर्ती महिलाओं पर भी लागू होते हैं बालों के नियम
सेना में भर्ती महिलाओं पर भी बालों के नियम लागू होते हैं। भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना में महिला सैनिकों को अपने बाल लंबे रखने की अनुमति तो है। लेकिन उन्हें अपने बालों को हमेशा बांधकर रखना होता है। उसे किसी साजसज्जा के साथ रखने पर मनाही है। साथ ही, सभी महिला सैन्य कर्मियों को अपने बालों को एक तरह की खास हेयरस्टाइल में रखना आवश्यक होता है।