डॉ. सुनील वर्मा, फिजीशियन
लखनऊ। अक्सर लोग जल्द स्वस्थ होने के लिए पानी की जगह जूस के साथ ही दवा लेते हैं, लेकिन खट्टे जूस के साथ दवा देना खतरनाक हो सकता है। जूस और दवा आपस में रिएक्शन कर शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे बीमारी जल्दी ठीक होने की जगह अधिक समय लेती है। इसकी पुष्टि कनाडा की यूनिवॢसटी ऑफ वेस्टर्न ऑन्टोरिओ के शोध में हुई है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की ओर से भी इस बात को लेकर चेताया जा चुका है। भारत में भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन चेतावनी जारी कर लोगों से अनुरोध कर चुका है कि दवा हमेशा पानी के साथ ही लें। जूस या किसी अन्य चीज के साथ दवा लेना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए इससे बचना चाहिए।
खट्टे जूस अधिक नुकसानदायक
एफडीए की तरफ से कुछ समय पूर्व अंगूर जूस को लेकर चेतावनी जारी की जा चुकी है,लेकिन आईएमए का कहना है कि खट्टे जैसे मौसमी, अननास और संतरा आदि के जूस के साथ दवा आदि लेने से बचना चाहिए। दवा के लेने से तुरंत बाद भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। कम से कम आधा घंटे का गैप देना चाहिए।
कैसे नुकसान करता है खट्टा जूस
कोलेस्ट्रॉल को कम करने की दवा जैसे सेटटिंस को खट्टे जूस के साथ लेने पर छोटी आंत में मौजूद एनजाइम नष्ट हो जाते हैं जिससे ओवरडोज का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह एलर्जी की दवा एलेजरा शरीर में जाकर एलर्जी को खत्म करती है, लेकिन अंगूर के जूस के साथ लेने पर शरीर में फैल नहीं पाती है और पीएच लेवल भी बढ़ जाता है जिससे दवा असर नहीं करती है।
ऐसे करें दवा का सेवन
- दवा हमेशा पानी के साथ लें। जूस या सॉफ्ट ड्रिंक्स के साथ न लें। कोई भी
- दवा कब और कैसे लेनी है, इसके लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- दवा दो तरह से ली जाती है खाली पेट (एसी) या खाने के बाद (पीसी)। दोनों ही स्थितियों में (खाने से पहले या बाद) कम से कम 30-30 मिनट का अंतर जरूर रखें। सामान्यत:
- थॉयराइड, टीबी और गैस (एसीडिटी) की दवाइयां खाली पेट ली जाती हैं जबकि एंटीबायोटिक, पेन किलर, हार्ट या ब्लड प्रेशर की दवाइयां खाने के बाद ली जाती हैं।
ड्रग्स रिएक्शन
बहुत लोग ऐसे होते हैं जिनको कुछ दवाइयां का रिएक्शन हो जाता है। ड्रग रिएक्शन बॉडी के ड्रग सेंसेटिव होने या गलत तरीके से दवा लेने पर भी हो सकता है।
यह भी पढ़ें :स्किन के ये निशान होंगे छूमंतर, अगर करते हैं सरल घरेलू उपाय
ड्रग्स रिएक्शन के लक्षण
चेहरे, होंठों या आंखों की पुतलियों पर सूजन।
शरीर में खुलजी, दाने या फफोले पडऩा।
सांस लेने में तकलीफ की स्थिति।
वोमिटिंग यानी उल्टी करना या डायरिया होना।
पेट दर्द या कमजोरी महसूस होना।
खुद जांचें ड्रग्स की सेंसेविटी
- ड्रग्स की सेंसेविटी का पता खुद भी लगाया जा सकता है। इसके लिए दवा शुरू करने से पहले दवा की डोज का एक चौथाई हिस्सा ट्रायल के तौर पर लें। फिर करीब 30 मिनट तक इसकी मॉनीटरिंग करें। अगर इस दौरान कोई रिएक्शन नहीं होता है तो दवा की पूरी डोज लेना शुरू कर सकते हैं। अगर इसका विपरीत असर पड़ता है तो डॉक्टर को सूचना दें और दवा बदलवाएंं।
दवाइयों के बारे में ये बातें भी जानें
- एस्प्रीन खाली पेट न लें। खाली पेट लेने से इसका आंत पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
- कैल्शियम, मैगनीशियम, एल्यूमिनियम, आयरन जैसे मेटल आयन वाली दवाओं के साथ दूध या दूध से बने कोई प्रोडक्ट नहीं लेना चाहिए। यह एंटीबैक्टीरियल एजेंट को अवशोषित कर लेते हैं जिससे दवा का असर कम हो जाता है। अन्य भी दुष्प्रभाव होता है।
- सांस, खून पतला करने वाली दवा और ओरल कंट्रासेप्टिवस के साथ हर्बल दवाएं नहीं लेना चाहिए। यह दवाओं को अवशोषित कर लेते हैं जिससे ब्लड में डोज के बराबर दवा नहीं पहुंच पाती है। असर घट जाता है। दोनों दवाओं के बीच में कम से 30 मिनट का गैप जरूर रखें।
लखनऊ