Makar Sankranti पर उत्तर प्रदेश के इस मंदिर में होती है सबसे ज्यादा भीड़, लगती है भक्तों की लंबी लाइनें
देशभर में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। इस अवसर पर भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं और दान भी देते हैं।
Gorakhnath Temple Makar Sankranti: देशभर में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। इस अवसर पर भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं और दान भी देते हैं। वहीं मंदिरों में भी लंबी लाइनें लगी रहती हैं। वहीं इस दिन उत्तर प्रदेश के एक मंदिर में भक्तों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। कहते हैं मकर संक्रांति के दिन इस मंदिर में भगवान का दर्शन करने से सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं इस विशेष मंदिर के बारे में:
गोरखनाथ मंदिर
मकर संक्रांति के मौके पर उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर में भक्तों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। इस दिन यहां खिचड़ी चढ़ाने की विशेष परंपरा है। बता दें गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरक्षनाथ के सामने मकर संक्रांति पर खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा त्रेतायुग से है। दरअसल खिचड़ी चढ़ाने के दौरान मांगी गई मन्नतें जरूर पूरी होती हैं। मकर संक्रान्ति पर यहां हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। कहते हैं यहां मकर संक्रांति के मौके पर खिचड़ी के रूप में श्रद्धालु जो भी अनाज चढ़ाते हैं, उसे पूरे साल गरीब, असहायों के बीच बांटा जाता है।
दरअसल ऐसी मान्यता है कि महायोगी गुरु गोरक्षनाथ जब एक बार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित मां ज्वाला देवी के दरबार मे पहुंचे। तो मां ने उनके भोजन का प्रबंध किया। ऐसे में कई प्रकार के व्यंजन को देखकर बाबा ने कहा कि वह तो योगी हैं। ऐसे में भिक्षा में जो भी मिलता है, उसे ही भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। बाबा ने मां ज्वाला देवी से पानी गर्म करने का अनुरोध किया और स्वयं भिक्षाटन के लिए चले गए। भिक्षा मांगते मांगते हुए वह गोरखपुर आएं। राप्ती और रोहिन के तट पर साधनालीन हो गए। ऐसे में तभी से लोग उनके खप्पर में चावल, दाल यानी अन्न का दान करते रहें। जब मकर संक्रांति का पर्व आया तो यह परंपरा खिचड़ी पर्व के रूप में परिवर्तित हो गई। तब से उस दिन से ही आज तक बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला थमा नहीं है। ऐसी भी मान्यता है कि मां ज्वाला देवी के दरबार में बाबा की खिचड़ी पकाने के लिए आज भी पानी उबल रहा है।
बता दें मकर संक्रांति के दिन सुबह चार बजे गोरक्षपीठाधीश्वर सबसे पहले परंपरा के अनुसार लोक आस्था की खिचड़ी चढ़ाकर जनमानस की सुख समृद्धि की मंगलकामना करते हैं। दरअसल पीठाधीश्वर यह कार्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले कई सालों से यह परंपरा निभा रहे हैं। फिर इसके बाद नेपाल राजपरिवार की ओर से आई खिचड़ी बाबा गोरक्षनाथ को चढ़ाई जाती है। तब जाकर गोरखनाथ मंदिर के कपाट खोले जाते हैं। कहते हैं कि, खिचड़ी चढ़ाने के दौरान मांगी गई मन्नतें जरूर पूरी होती हैं और जिनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं वे दोबारा आभार के रूप में भी खिचड़ी चढ़ाने जरूर आता हैं। इसलिए यहां भक्तों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। यहां खासकर मकर संक्रांति पर भक्त दान भी करते हैं।