Motivation Story: ज़िन्दगी में ठक-ठक !
Prerak Prasang : एक सिपाही गुर्वित अपने घोड़े पर सवार होकर राज्य की सीमाओं का निरीक्षण करने निकला। घंटों चलने के कारण सिपाही और घोड़ा दोनों ही थक गए थे। सिपाही ने तो अपने पास रखे पानी से प्यास बुझा ली । पर बेचारे घोड़े के लिए कहीं पानी नहीं दिख रहा था।
Motivation Story in Hindi: एक सिपाही गुर्वित अपने घोड़े पर सवार होकर राज्य की सीमाओं का निरीक्षण करने निकला। घंटों चलने के कारण सिपाही और घोड़ा दोनों ही थक गए थे। सिपाही ने तो अपने पास रखे पानी से प्यास बुझा ली । पर बेचारे घोड़े के लिए कहीं पानी नहीं दिख रहा था।
पानी की तलाश में दोनों आगे बढ़ गए। थोड़ी देर चलने के बाद कुछ दूर पर एक बूढ़ा किसान अपने बैल के साथ दिखा। वह खेतों की सिंचाई करने के लिए रहट चला रहा था।
सिपाही उसके समीप पहुँच कर बोला, “काका, मेरा घोड़ा बड़ा प्यासा है । इसे जरा पानी पिलाना था।” “पिला दो बेटा!”, किसान बोला।
सिपाही घोड़े को रहट के पास ले गया ताकि वो उससे गिरता हुआ पानी पी सके। पर ये क्या घोड़ा चौंक कर पीछे हट गया। “अरे! ये पानी क्यों नहीं पी रहा?”, किसान ने आश्चर्य से पूछा।
सिपाही कुछ देर सोचने के बाद बोला, “काका! रहट चलने से ठक-ठक की जो आवाज़ आ रही है उससे यह चौंक कर पीछे हट गया।” “आप थोड़ी देर अपने बैल को रोक देते तो घोड़ा आराम से पानी पी लेता।”
किसान मुस्कुराया, बेटा ये ठक-ठक तो चलती रहेगी। अगर मैंने बैल को रोक दिया तो कुंएं से पानी कैसे उठेगा? यदि घोड़े को पानी पीना है तो उसे इस ठक-ठक के बीच ही अपनी प्यास बुझानी होगी।
सिपाही को बात समझ आ गयी, उसने फिर से घोड़े को पानी पिलाने का प्रयास किया, घोड़ा फिर पीछे हट गया। पर दो-चार बार ऐसा करने के बाद घोड़ा भी समझ गया कि उसे इस ठक-ठक के बीच ही पानी पीना होगा और उसने इस विघ्न के बावजूद अपनी प्यास बुझा ली।
शिक्षा:- दोस्तों, इस घोड़े की तरह ही यदि हमें अपनी इच्छित वस्तु पानी है । तो जीवन में चल रही ठक-ठक पर से ध्यान हटाना होगा। हमें सही समय के इंतज़ार में अपने प्लान्स को टालना छोड़ना होगा। बहानों के पीछे छुप कर ज़रूरी काम से मुंह मोड़ना छोड़ना होगा। हमें ये कंडिशन लगाना छोड़ना होगा कि हम आइडियल कंडिशन में ही काम करेंगे। क्योंकि ज़िन्दगी में ठक-ठक तो हमेशा ही चलती रहेगी, हमें तो इसी परिस्थिति में अपनी प्यास बुझानी होगी।